जब-जब राजीव गाँधी के हत्यारों को माफ़ करने की बात सामने आती है, तो उन 20 लोगों को क्यों भुला दिया जाता है जिनके नाम के आगे गाँधी नहीं लगा हुआ था? चाहे सोनिया हों या प्रियंका गाँधी वाड्रा, आखिर किस हैसियत से ये लोग उन हत्यारों को रिहा करने या उनकी सजा कम करने की बात करती हैं?
राजीव गाँधी की हत्या मामले के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ टाडा एक्ट के तहत मुकदमा चला था। सभी 26 आरोपियों को चेन्नै की टाडा अदालत ने 1998 में मृत्युदंड दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट में केवल चार मुख्य आरोपियों के लिए मृत्युदंड कायम रखा गया।
पढ़िए 1984 सिख दंगों को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के विचार, उन्हीं के शब्दों में। सुलखान सिंह लिखते हैं कि दंगा वो होता है, जहाँ दोनों तरफ से मारकाट की गई हो लेकिन 1984 में राजीव गाँधी के इशारे पर एकतरफा नरसंहार किया गया था, कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा।
निरूपमा सुब्रह्मण्यन द्वारा इंडियन एक्सप्रेस में लिखे गए लेख की हेडलाइन ही स्पष्ट करती है कि प्रधानमंत्री मोदी आईएनएस विराट पर बात करके हमारे समक्ष सवाल छोड़े हैं ताकि हम पूछें कि वास्तव में अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग किसने किया है?
जो मीडिया और क्रांतिजीव 5 साल तक मोदी की विदेश यात्राओं का लेखा-जोखा करते रहे, उन्हें नेहरू से लेकर राजीव गाँधी के भ्रमणों से रूबरू होना चाहिए, ताकि वो उसकी समीक्षा कर के बता सकें कि मिस्ट्रेसीकरण और ससुरालीकरण उनकी किसी विदेश नीति का हिस्सा थे?
निजी कारणों के लिए नौसेना की संपत्ति का उपयोग करने की परंपरा राजीव गाँधी द्वारा शुरू नहीं की गई थी। जवाहरलाल नेहरू ने इस पुश्तैनी परंपरा की शुरुआत की थी वो भी "आदमखोर" महिला मित्र एडविना माउंटबेटन के लिए।
कॉन्ग्रेस के समर्थन से चंद्रशेखर के पीएम बनने के 6 महीने बाद राजीव गाँधी की हत्या हुई। अगर उनकी सुरक्षा कभी कम भी कर दी गई थी, तो क्या कॉन्ग्रेस समर्थित सरकार ने भी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को उचित सुरक्षा नहीं दी? उनको मिलने वाले पीएसओ की संख्या नहीं बढ़ाई?
मेहमानों की सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गाँधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, उनकी विधवा माँ आर. मैनो, उनके भाई और एक मामा शामिल थे। साथ ही पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया और उनके तीन बच्चे भी मौजूद थे।
अटल बिहार वाजपेयी के निधन के तुरंत बाद उनकी बुराइयों की चर्चा को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताने वाले यौन शोषण आरोपित पत्रकार ने कहा कि चूँकि राजीव गाँधी अब दिवंगत हो चुके हैं, उन पर पीएम मोदी द्वारा दिया गया बयान बताता है कि इंसान कुर्सी के लिए किस हद तक नीचे गिर सकता है?