इस ट्वीट पर भारतीयों द्वारा भी उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई गई। उन्हें कहा गया कि उनके पास दिमाग बच्चों वाला है और पाकिस्तान ने उन्हें विज्ञान और तकनीक मंत्री बनाया हुआ है।
सोशल मीडिया पर वायरल होती वीडियो पाकिस्तान के पार्लियमेंट हाउस की है, जहाँ पर पाक मंत्री एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। तभी नूर नाम के शख्स ने वहाँ पहुँचकर राशिद खान का कॉलर पकड़ लिया और अपने 22 लाख...
जब से इसकी शुरुआत हुई थी, तभी से हिन्दू-विरोधी प्रोपेगंडा के सबसे मुखर स्वरों में इसकी गिनती होने लगी थी। जिस भी अपराध में आरोपित हिन्दू हो और पीड़ित गैर-हिन्दू, वह अपने-आप 'Hate Crime' हो जाता था लेकिन इसी के उलट वाले मामलों में लीपापोती करते थे।
गौतम गंभीर को जीप से बाँधे जाने का यह मीम तथ्यात्मक रूप से झूठा है। झूठ तो यह भी है कि PM मोदी चोर हैं, क्योंकि किसी अदालत में भी ऐसा कोई मामला नहीं। तो इन दोनों मामलों में शेहला के साथ कानून क्या करे?
हड़प्पा वैदिक नहीं था, जबकि वैदिक जो थे वो हड़प्पन ही थे। क्योंकि हड़प्पा सभ्यता पुरानी और वेद बाद में आया। हड़प्पा में दफनाने को प्राथमिकता दी जाती थी जबकि वेद में दाह संस्कार। हड़प्पा सिंधु-सरस्वती के किनारे समृद्ध हुई है जबकि वेद गंगा-यमुना के किनारे। दोनों का हिदू धर्म में योगदान हैं। स्पष्ट!"
स्मार्टफोन के युग में अब यह बताने के लिए किसी को कंप्यूटर साइंस करने की जरुरत नहीं है कि शादी और बीवी के बाद 40 GB का स्पेस कैसे बच जाता है। पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी के इस ट्वीट लोगों ने न सिर्फ उसका बल्कि पूरे पाकिस्तान का मजाक उड़ाया।
गोधरा पुलिस ने बृहस्पतिवार की रात सुजात वली नाम के एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को दरगाहों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर समुदाय विशेष की भावनाएँ आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले ही डॉक्टर सुजीत वली का एक विडियो वायरल हुआ था।
सिर्फ एक मीडिया हाउस के वीडियो पर हाहा रिएक्शन देने वाले लोगों के नाम देखिए। इनकी संख्या क़रीब हज़ार में है लेकिन 90% से भी ज्यादा लोगों की ख़ासियत यह है कि 'इनका कोई मज़हब नहीं है'।
नून-टिमाटर वाले देश के लोग भी कल रात जाग रहे थे। भूखे पेट भला नींद आए भी तो कैसे! उसी देश का एक मंत्री है - वो भी विज्ञान व तकनीक मंत्री। नाम है फवाद चौधरी। आज उसके कान से खून बह रहा होगा क्योंकि...
नए ट्रैफिक नियमों की घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक चुटकुलों की बाढ़ आ गई है, जिनमें लोग बढ़ाए गए जुर्मानों का अपने-अपने अंदाज में विरोध भी कर रहे हैं और उसके मजे भी ले रहे हैं।