इरेना का कहना है कि इसी जलन और हीनता की भावना का शिकार होकर हिन्दू मर्द मुस्लिमों के व्यापार और घरों को नुकसान पहुँचाते हैं, जला डालते हैं- ताकि मुस्लिम महिलाओं को बेइज्जत कर सकें। उन्होंने ये नहीं बताया कि महिलाओं को बुर्के में कैद रखना किस समाज की संस्कृति का हिस्सा है?
मस्जिद को ढकने के लिए दो तरह के तिरपालों का प्रयोग किया गया है। एक काले तिरपाल और एक लाल-पीले तिरपाल का प्रयोग किया गया है। अलीगढ़ में होली पर व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए क़रीब 5000 लोगों नोटिस जारी किया गया है और 1000 लोगों को पाबंद किया गया है।
मेरठ को 3 सुपर जोन, 9 जोन और 31 सेक्टरों में बाँटकर सुरक्षा की जा रही है। होली पर हुड़दंग करने वालों का पिछले पाँच साल का रिकॉर्ड खँगालकर उनको पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान चला रखा है। इसमें अभी तक 250 बवालियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पूतना और होलिका को खलनायिका से नायिका बनाने की कोशिश बाल-हत्या के महिमामंडन की कोशिश है। उसे ब्राह्मणवाद के विरोध के नाम पर ढका नहीं जा सकता। ब्राह्मण तो वे दधीचि थे, जिन्होंने वृत्रासुर को मारने के लिए अपनी अस्थियाँ दे दीं, वज्र का निर्माण करने वास्ते।
होली के नाम पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ किया जाता है। ‘होली है’ कहना युद्ध की तरह लगता है। होली में ऊँची जाति वाले निचली जातियों की महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते हैं। ये चुनिंदा प्रोपेगेंडा हैं जिनके सहारे हिंदू त्योहार की छवि धूमिल करने का प्रपंच रचा जा रहा है।
बरसाना से रवाना होते ही दूर दराज से पहुँच रहे लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो जाती है। कोई बरसाना में मौजूद मंदिरों के दर्शन कर रहा था तो कोई मंदिरों में खेले जाने वाली लड्डू मार होली का आनंद ले रहा था। यही क्रम देर रात तक चलता रहा।
पीएम मोदी ने लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की है। एक जगह ज्यादा लोगों के मिलने-जुलने या पार्टी वाला माहौल होने से COVID-19 के फैलने का ख़तरा ज़्यादा है, ऐसा दुनिया भर के विशेषज्ञों ने बताया है।
वो इलाक़ा होता था कश्यप-पुर जिसे आज मुल्तान नाम से जाना जाता है। ये कभी प्रह्लाद की राजधानी थी। यहीं कभी प्रहलादपुरी का मंदिर हुआ करता था जिसे नरसिंह के लिए बनवाया गया था। कथित रूप से ये एक चबूतरे पर बना कई खंभों वाला मंदिर था।
इन मठाधीशों को लगता था कि वे ही सबसे बड़े ज्ञानी हैं लेकिन अब एक बच्चा भी इनके तर्कों को काट देता है। इसीलिए अब वे क्रिया की प्रतिक्रिया से सहमे हुए हैं। उनका प्रोपेगेंडा अब कार्य नहीं कर रहा है। राष्ट्रवादियों के लिए यह एक बड़ी सफलता है।