Friday, June 28, 2024
Homeदेश-समाज25 एकड़ अतिक्रमण मुक्त, मंदिर-मस्जिद समेत 1800 अवैध निर्माण ध्वस्त... जो हल्द्वानी-जहाँगीरपुरी में न...

25 एकड़ अतिक्रमण मुक्त, मंदिर-मस्जिद समेत 1800 अवैध निर्माण ध्वस्त… जो हल्द्वानी-जहाँगीरपुरी में न हो पाया, CM योगी ने अकबरनगर में कर दिखाया: बनेगा रिवरफ्रंट

दिल्ली में तो पुलिस की मौजूदगी में पृथ्वीराज चौहान के किले के परिसर में मजार उगा दी गई। आरोप लगा था कि दिल्ली स्थित किला राय पिथौरा के पास मजार का निर्माण हुआ, वो भी पुलिस के संरक्षण में। इसका वीडियो भी सामने आया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अकबर नगर में मंगलवार (18 जून, 2024) की देर रात अवैध रूप से बनी मस्जिद, मदरसे और मंदिर के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। रात 12.30 से 3.30 बजे तक 8 बुलडोजर को कार्रवाई के लिए लगाया गया था। बता दें कि अदालत के आदेश के बाद ये सब किया जा रहा है, क्योंकि यहाँ रिवर फ्रंट का निर्माण होना है। लखनऊ में कई जगह पोस्टर लगा कर इसकी सूचना दे दी गई थी, और उधर का आवागमन भी रोक दिया था।

कुकरैल नदी की जमीन के एक बड़े हिस्से को कब्ज़ा कर उस पर अवैध निर्माण बना दिए गए थे। अब तक 1169 आवास और 101 कमर्शियल निर्माणों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की जा चुकी है। ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा हो गया है, अब सिर्फ मलबा हटाने का काम बचा हुआ है। 24.5 एकड़ में बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण नेस्तनाबूत किए जा चुके हैं। दिसंबर 2023 से ही अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। अब ये इलाका पर्यटन का हब बनेगा।

लखनऊ के चिड़ियाघर को भी इसी जगह पर पुनर्स्थापित किए जाने की योजन है। कुकरैल नदी को पुनर्जीवन देने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में सुनवाई हुई। अदालत ने भी कार्रवाई की अनुमति दी। बादशाह नगर से लेकर लेकर अकबरनगर तक के रास्ते को इस दौरान बंद रखा गया था, PAC मुख्यालय से शुरू होने वाले फ्लाईओवर पर भी पुलिस तैनात रही, अकबरनगर से पॉलिटेक्निक कॉलेज जाने वाले रास्ते पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, कुल 7 जगह बैरिकेडिंग लगा कर पुलिस ने पहरा दिया।

ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी, मीडिया को भी तस्वीरें लेने की अनुमति नहीं थी क्योंकि मामला संवेदनशील था। कुकरैल नदी का सौंदर्यीकरण और रिवर फ्रंट का निर्माण CM योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। अकबरनगर के विस्थापितों को 10 किलोमीटर दूर बसंतकुंज में योगी सरकार ने घर दिया है। जल स्तर बनाए रखने के लिए शारदा नहर का पानी भी इसमें छोड़ा जाएगा। नदी की 6 किलोमीटर लंबाई के साथ एक झील को भी विकसित किया जाएगा। बारिश की पानी को इकट्ठा कर के भी कुकरैल नदी में भरे जाने की योजना है।

ये उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आपको याद होगा कि जब जहाँगीरपुरी में अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई हो रही थी तब वामपंथियों ने उसे कुछ ही मिनटों में रुकवा दिया था। CPI(M) की नेता वृंदा करात सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर जहाँगीरपुरी पहुँचीं और तुरंत स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक को दिखाया। फिर कार्रवाई रोकनी पड़ी। 20 अप्रैल, 2022 को सुबह 10 बजे बुलडोजर पहुँचा था, 11 बजे सुप्रीम कोर्ट ने स्टे ऑर्डर दे दिया

इसी तरह हल्द्वानी का भी उदाहरण हमारे सामने है, जहाँ रेलवे की जमीन पर एक पूरी की पूरी बस्ती ही बसा दी गई। हल्द्वानी में ‘मलिक का बगीचा’ से अतिक्रमण हटाने के क्रम में वहाँ दंगे ही भड़क गए। कॉन्ग्रेस नेता व अधिवक्ता सलमान खुर्शीद अतिक्रमणकारियों की तरफ से न्यायालय में पैरवी करने पहुँच गए। बनभूलपुरा में 8 फरवरी, 2024 को हिंसा भड़क उठी। पुलिस-प्रशासन पर जम कर पत्थरबाजी हुई, आगजनी की गई और कार्रवाई रोकनी पड़ी

इसी तरह दिल्ली में तो पुलिस की मौजूदगी में पृथ्वीराज चौहान के किले के परिसर में मजार उगा दी गई। आरोप लगा था कि दिल्ली स्थित किला राय पिथौरा के पास मजार का निर्माण हुआ, वो भी पुलिस के संरक्षण में। इसका वीडियो भी सामने आया। कुछ पत्थरों को हरे रंग से रंग दिया गया, वक्फ बोर्ड की भी इस पर नज़र थी। मेहरौली स्थित संजय वन के बीचोंबीच इस तरह की हरकत से स्थानीय लोग भी उग्र हो गए थे और पूछने लगे थे कि वहाँ उन्हें क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है?

ऐसे समय में जब पुलिस खुद ही कई प्रदेशों में इस तरह के अवैध मजारों की निगरानी कर के ये सुनिश्चित करती है कि वहाँ नमाज अदा की जाए, उत्तर प्रदेश की राजधानी में इको-टूरिज्म हब विकसित करने के लिए एक पूरी की पूरी अवैध बस्ती को ध्वस्त कर सरकारी जमीन को खाली कराना और विस्थापितों को कहीं और बसाना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। बिना किसी हो-हल्ले के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए योगी सरकार बधाई की पात्र है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हजारों को जेल, लाखों की नसबंदी: जो इमरजेंसी लोकतंत्र पर बनी घाव, उस पर बात नहीं चाहती कॉन्ग्रेस, सत्ता से हुई बाहर लेकिन तानाशाही...

केसी वेणुगोपाल के पत्र ने यह साफ कर दिया है कि कॉन्ग्रेस इमरजेंसी के दौर पर खुद तो बात नहीं ही करना चाहती बल्कि बाकी लोगों को भी इस विषय में चुप करना चाहती है।

9 से ज्यादा SIM खरीदे तो लग सकता है ₹2 लाख का जुर्माना, गड़बड़ करके लिया तो देने पड़ सकते हैं ₹50 लाख: जानें...

इस कानून के तहत भारत में एक व्यक्ति जीवन भर में अब 9 SIM ही खरीद सकेगा। यह SIM उसके आधार कार्ड अथवा अन्य पहचान पत्र से जुड़े होंगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -