Saturday, May 17, 2025
Homeराजनीति18 महीने में ₹19000 करोड़ कर्ज लिया, अब चाहिए वित्त आयोग से 'विशेष मदद':...

18 महीने में ₹19000 करोड़ कर्ज लिया, अब चाहिए वित्त आयोग से ‘विशेष मदद’: कॉन्ग्रेस ने हिमाचल को जिस दलदल में धकेला उसका कोई अंत नहीं

राज्य सरकार ने बताया है कि वर्ष 2030-31 तक उसका पेंशन पर होने वाला खर्च ₹19,728 करोड़ हो जाएगा। यह वर्तमान में लगभग ₹10,000 करोड़ से भी कम है। वित्त वर्ष 2026-27 से 2030-31 के बीच कुल ₹90,000 करोड़ का खर्चा हिमाचल प्रदेश को पेंशन पर ही करना पड़ेगा।

हिमाचल प्रदेश में सत्ता पाने के लिए कॉन्ग्रेस द्वारा किया गया पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) का वादा राज्य की आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ने वाला है। OPS के कारण राज्य पर आर्थिक बोझ दोगुना हो जाएगा। यह जानकारी हिमाचल की कॉन्ग्रेस सरकार ने खुद दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार ने 16वें वित्त आयोग की टीम को बताया है कि आने वाले वर्षों में उसका पेंशन पर होने वाला खर्च लगभग दोगुना हो जाएगा। यह नई पेंशन स्कीम में शामिल कर्मचारियों के पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में शामिल हो जाने के कारण होगा।

पेंशन का खर्च होगा दोगुना

राज्य सरकार ने बताया है कि वर्ष 2030-31 तक उसका पेंशन पर होने वाला खर्च ₹19,728 करोड़ हो जाएगा। यह वर्तमान में लगभग ₹10,000 करोड़ से भी कम है। वित्त वर्ष 2026-27 से 2030-31 के बीच कुल ₹90,000 करोड़ का खर्चा हिमाचल प्रदेश को पेंशन पर ही करना पड़ेगा।

कॉन्ग्रेस के OPS के वादे से राज्य के अन्य विकास कार्यों के बजट में कटौती होने की आशंका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य के बजट में पहले पेंशन का हिस्सा मात्र 13% था जो कि OPS के बाद बढ़कर 17% हो जाएगा। पुरानी पेंशन के कारण होने वाला यह खर्च राज्य सरकार के कर्मचारियों को दी जाने वाली तनख्वाह पर खर्च के लगभग बराबर होगा।

2026-27 में राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को ₹20,639 करोड़ तनख्वाह देगी। 2026-27 में दी जाने वाली पेंशन की धनराशि ₹16,728 करोड़ होगी। राज्य में पेंशन पाने वालों की संख्या भी आने वाले सालों में नौकरी कर रहे कर्मचारियों से ज्यादा हो जाने के कयास हैं।

यह भी बात सामने आई है कि 2030-31 तक राज्य में 2.38 लाख पेंशनर हो जाएँगे। यह संख्या आने वाले समय में राज्य कर्मचारियों से भी अधिक होगी क्योंकि औसतन हर वर्ष 10,000 कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। इसकी तुलना में नए कर्मचारी भर्ती नहीं हो रहे।

हिमाचल प्रदेश को 2026-27 से 2030-31 बीच तनख्वाह और पेंशन पर कुल मिलाकर ₹2.11 लाख करोड़ खर्चने पड़ेंगे। राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि वह इस बोझ को अकेले सहन नहीं कर पाएगी। इसके लिए उसे विशेष मदद की जरूरत होगी।

कॉन्ग्रेस ने 2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जोर-शोर से पुरानी पेंशन स्कीम का वादा किया था और इसे राजनीतिक हथियार बनाया था। हालाँकि, अब इसके दुष्परिणाम सामने दिखने लगे हैं। आर्थिक बोझ के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था चरमराने के संकेत हैं।

कॉन्ग्रेस सरकार ने लिया ₹19,000 करोड़ कर्ज

OPS के कारण हिमाचल प्रदेश पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ के बीच राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू ने 16वें वित्त आयोग से मदद की मांग भी कर दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य को विकास के लिए विशेष आर्थिक मदद दी जाए।

इन सबके बीच कॉन्ग्रेस सरकार का धुआंधार तरीके से कर्ज लेने का मुद्दा भी जोर पकड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान में ₹88,000 करोड़ से भी अधिक का कर्ज है। कॉन्ग्रेस सरकार बीते डेढ़ वर्ष में ही लगभग ₹19,000 करोड़ का कर्ज राज्य पर चढ़ा दिया है।

राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद माना है कि उनके राज्य को कर्ज चुकाने के लिए ही नया कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य का कर्ज उसकी GDP का 40% से अधिक हो चुका है। उसका राजकोषीय घाटा भी GDP के 5% के ऊपर है। जबकि नियमों के मुताबिक़, किसी भी राज्य का कर्ज GDP का 20% जबकि राजकोषीय घाटा 3% से अधिक नहीं होना चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अर्पित त्रिपाठी
अर्पित त्रिपाठीhttps://hindi.opindia.com/
अवध से बाहर निकला यात्री...

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हाथ लगा ‘खजाना’, दुनिया की बड़ी ताकतें हमारे सामने फैला रही हाथ: रिवर्स इंजीनियरिंग के कमाल से चीन-पाक...

रिवर्स इंजीनियरिंग से भारत न केवल पाकिस्तान, बल्कि चीन के खिलाफ भी अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर सकता है।

कैराना का नोमान इलाही निकला ISI का जासूस, 4 बार जा चुका पाकिस्तान: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन मुल्क को दे रहा था अहम...

नोमान चार बार पाकिस्तान जा चुका है, जहाँ उसने ISI हैंडलरों से मुलाकात की। बुआ और मौसी के पाकिस्तान में होने का बहाना बनाकर वह वहाँ जाता रहा।
- विज्ञापन -