Friday, May 17, 2024
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‘उनकी आत्मा को शांति दे भगवान’: शफीकुर्रहमान बर्क के इंतकाल पर अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि, कोरोना को ‘अल्लाह की सजा’ बताते थे सपा MP

अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। सपा सांसद बर्क को आज सुबह तबियत ज्यादा बिगड़ने पर ICU में ले जाया गया था। हालाँकि, उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया।

उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का आज (27 फरवरी, 2024) निधन हो गया। बर्क की 93 वर्ष आयु थी। उनका निधन मुरादाबाद स्थित एक अस्पताल में हुआ। अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

सपा सांसद बर्क को आज सुबह तबियत ज्यादा बिगड़ने पर ICU में ले जाया गया था। हालाँकि, उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया। बर्क लोकसभा के सबसे अधिक आयु वाले सदस्य थे। वह संभल और मुरादाबाद क्षेत्र में राजनीति का बड़ा चेहरा थे।

उनके निधन पर समाजवादी पार्टी ने दुख जताया है। पार्टी ने एक्स (पहले ट्विट्टर) पर उनके निधन को लेकर लिखा, “समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दुखद। उनकी आत्मा को शांति दे भगवान। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुख सहने का संबल प्राप्त हो। भावभीनी श्रद्धांजलि।”

उनके निधन पर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दुख जताया है। उन्होंने भी बर्क के निधन पर दुख जताया है और श्रद्धांजलि दी है। समाजवादी पार्टी ने बर्क को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी संभल से उम्मीदवार बनाया था।

अखिलेश यादव ने शफीकुर्रहमान बर्क को श्रद्धांजलि दी है।
अखिलेश यादव ने बर्क को श्रद्धांजलि दी है।

बर्क का लंबा राजनीतिक करियर था। वह चार बार लोकसभा और चार बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे। वह संभल और मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके थे। वह मूल रूप से संभल के रहने वाले थे। हाल के दिनों में वह अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे थे।

उन्होंने NCERT सिलेबस में रामायण-महाभारत को शामिल किए जाने की खबर पर कहा था कि वे पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल करने का विरोध करते हैं। इन दोनों धर्मग्रंथों की जगह पर कुरान को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, क्योंकि यह दुनिया की सबसे बड़ी किताब है और अल्लाह का कलाम है।

उन्होंने सितम्बर 2023 में नई संसद को लेकर कहा था, “देखिए नमाज पढ़ने के लिए तो जगह यहाँ भी नहीं है। नई संसद में भी मुसलमानों के नमाज के लिए भी जगह होनी चाहिए थी। इन लोगों ने नफरत फैला रखा है। क्या जगह देंगे, मुसलमान से नफरत फैला रखी है।”

सपा सांसद बर्क ने कर्नाटक में 2022 में हुए हिजाब विवाद को लेकर कहा था, “मैं हिजाब के पक्ष में हूँ। इस्लाम कहता है कि लड़की को हिजाब में रहना चाहिए। अगर लड़की पर्दे में नहीं रहेगी तो उससे खतरा पैदा होता है। पर्दे में होगी तो उसके जिस्म का हिस्सा ढंका रहेगा। अन्यथा खुले हुए में लोग उसे बुरी नजर से देखेंगे। इससे हालात बिगड़ेंगे।”

इससे पहले उन्होंने कोरोना को लेकर भी एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना अगर बीमारी होती तो इसका इलाज मिल गया होता। कोरोना की यह बीमारी आजादे इलाही है जो अल्लाह के सामने गिड़गिड़ाकर माफी माँगने से ही खत्म होगी।

उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी घरों पर झंडा लगाने को लेकर भी एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ये मुल्क का झंडा है। मुल्क वाले इसे लगाते हैं। सत्ताधारी बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे तो हमें मुल्क का नहीं मानते। उन्होंने कहा कि तिरंगा मुल्क का झंडा है, मुल्क के कार्यालयों पर फहराया जाए। इस अभियान पर विवादित बयान देते हुए सपा सांसद ने कहा है कि जिसकी मर्जी हो वह झंडा लगाए। क्या झंडा लगाने से ही देशभक्ति साबित होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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