लोकसभा चुनावों के ऐलान से एक दिन पहले ही मोदी सरकार के हिस्से एक बड़ी कामयाबी आई है। मोदी सरकार देश के 75% ग्रामीण घरों में नल से जल पहुँचाने में सफल रही है। अब गाँवों में रहने वाले व्यक्ति भी अपने घर में ही पानी की आपूर्ति पा रहे हैं। जल्द ही पानी के मटके ले कर जाती महिलाओं की तस्वीर इतिहास की बात हो होने वाली है। देश के तीन चौथाई ग्रामीण घरों में पानी पहुँचाने की यह सफलता मोदी सरकार ने हर घर नल से जल के अंतर्गत ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत हासिल की है।
#JalJeevanMission hits Historic Milestone 🚰
— PIB India (@PIB_India) March 14, 2024
▶️Over 75% of Households provided with Tap Water Connections
▶️14.50 Crore of rural households in the country have been provided with tap water connection
▶️185 districts, 1,812 blocks, 1,00,044 Gram Panchayats, and 2,09,481… pic.twitter.com/RG3ff7MXgV
जल जीवन मिशन मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। यह प्रधानमंत्री के विकसित भारत लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देश के हर गाँव में नल से साफ़ जल पहुँचे, इसके लिए मोदी सरकार बीते लगभग पाँच वर्षों से काफी पैसा खर्च कर चुकी है।
लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार के कामकाज का मूल्यांकन किया जा रहा है। ऐसे में कई मूलभूत समस्याओं को हल करने में सरकार ने सफलता पाई है। आवास योजना के जरिए जहाँ लोगों को घर मुहैया करवाए गए हैं तो वहीं उज्ज्वला के जरिए गैस सिलेंडर दिए गए हैं। पानी की समस्या को खत्म करने के लिए लाई गई योजना जल जीवन मिशन में भी मोदी सरकार अब 75% से अधिक नम्बरों से पास होती दिख रही है।
देश की आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी गाँवों में रहता है। हालाँकि, 2014 तक इन गाँवों में पानी जैसी मूलभूत जरूरत को पूरा करने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए थे। किसी भी सरकार ने यह नहीं सोचा कि देश के गाँवों में भी पीने के साफ़ पानी की आपूर्ति नल के जरिए की जा सकती है। महिलाएँ कई कई किलोमीटर दूर पानी लेने जाने की तस्वीरें सामने आती रहती थीं लेकिन कोई सरकार इस बारे में काम नहीं करती थी।
जल जीवन मिशन से पहले खराब थी हालत
जल जीवन मिशन का ऐलान पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लालकिले से किया था। पीएम ने इस मिशन को लेकर कहा था कि इससे देश में जल संकट की समस्या को खत्म किया जाएगा। गौरतलब है कि यह मिशन चालू होने से पहले देश के अधिकाँश गाँवों में नल से जल की आपूर्ति नहीं होती थी और लोगों को पानी को लेकर काफी समस्या थी।
जल शक्ति मंत्रालय के आँकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में देश के ग्रामीण क्षेत्र के 19.3 करोड़ घरों में से मात्र 16% घरों में ही नल से जल की आपूर्ति हो पाई थी। यानी 1947 से लेकर 2019 तक देश के मात्र 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों तक ही पानी पहुँच सका था।
आँकड़ों के अनुसार, 2019 तक देश के मात्र 10 राज्यों में ही गाँवों में 50% से अधिक जनता नल से सुरक्षित पानी पा रही थी। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में 5% ग्रामीण घर भी पानी नहीं पहुँचा था। ऐसे में यह मिशन लाया गया।
जल जीवन मिशन ने बदली तस्वीर
2019 में चालू किया गया जल जीवन मिशन लगातार तेजी से बढ़ रहा है और गाँव-गाँव इससे पानी का कनेक्शन पहुँच रहा है। जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान में देश के 75% घर नल से जल पा रहे हैं। अब देश के 19.3 करोड़ ग्रामीण घरों में से 14.5 करोड़ घर अब स्वच्छ पानी पा रहे हैं।
जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद 11.2 करोड़ घरों में पानी का कनेक्शन पहुँचाया गया है। जब यह मिशन चालू किया गया था तब देश के 16 करोड़ से अधिक ग्रामीण घर ऐसे थे जो कि नल से जल नहीं पा रहे थे। अब इनमें से 70% घरों तक पानी पहुँचा है। इसके जरिए देश के दुर्गम इलाकों तक में पानी पहुँचाया जा चुका है।
जल जीवन मिशन पर सरकार ने मिशन मोड में काम किया है। इसके लिए गाँव-गाँव में पानी की टंकियाँ बनाई गई हैं। इनके जरिए पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा हर गाँव में पानी की पाईपलाइन भी डाली जा चुकी है।
इन 11 करोड़ घरों में पानी पहुँचने का यह लाभ हुआ है कि अब इन घरों की महिलाओं को घर से दूर पानी लेने नहीं जाना पड़ता। पानी के साफ़ और सुरक्षित होने की भी चिंता नहीं करनी पड़ती है। ऐसे में महिलाएँ बचने वाले समय का उपयोग अन्य कामों में कर पा रही हैं।
NEWS18 द्वारा हाल ही में लोकसभा चुनाव को लेकर किए गए सर्वे में 70% लोगों ने बताया कि वह सरकार की जल जीवन मिशन योजना से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने उज्ज्वला और अन्य योजनाओं के साथ इस योजना को प्रभावी बताया।
हरियाणा-गुजरात ने पहुँचाया 100% घरों में पानी, बंगाल-झारखंड फिसड्डी
जल जीवन मिशन के अंतर्गत कई राज्यों के 100% ग्रामीण घरों में नल से जल पहुँच गया है। देश के 11 राज्यों/प्रदेशों ने यह उपलब्धि हासिल की है। ये हैं – गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, हरियाणा, तेलंगाना, पुद्दुचेरी, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम। इन सभी राज्यों/प्रदेशों के 100% घरों को नल से जल पहुँचाया जा चुका है।
इसके अलावा बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में 90% से अधिक घरों में नल से जल पहुँचाया जा चुका है। अब देश के दो राज्यों को छोड़ कर सभी जगह 50% से अधिक ग्रामीण घर पानी पा रहे हैं। हालाँकि, कई राज्यों का इस योजना के क्रियान्वन में प्रदर्शन चिंताजनक है।
तृणमूल कॉन्ग्रेस की सत्ता वाला राज्य पश्चिम बंगाल इस योजना को लागू करने में सबसे पीछे रहा है। पश्चिम बंगाल में अभी मात्र 45% घरों में ही नल से जल पहुँचाया जा सका है। वहीं झारखंड के मात्र 51% और केरल के 52% घरों में नल से जल पहुँचा है। रेगिस्तानी क्षेत्रफल होने के कारण राजस्थान भी 50% से नीचे है।
केंद्र सरकार ने इस योजना पर अब तक ₹1.82 लाख करोड़ खर्चे हैं। केंद्र सरकार साल दर साल अपना योगदान इस योजना में बढ़ा रही है। वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए ₹66,023 करोड़ का आवंटन किया था। जबकि 2022-23 में इस योजना के लिए ₹54,744 करोड़ दिए थे।
इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार 10 साल में किए गए विकास को मुद्दा बना कर जनता के सामने जाने वाली है। मोदी सरकार जल जीवन मिशन को आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसी सफलताओं के साथ जोड़ कर लोगों के सामने रखेगी। ग्रामीण जनता पर भी इस अपील का बड़ा असर देखने को मिल सकता है। पानी की समस्या सुलझने से लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है, ऐसे में वह इस मुद्दे को लेकर भाजपा का समर्थन इन चुनावों में कर सकते हैं।