अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में दो मरीजों की मौत के बाद गुजरात सरकार ने अस्पताल के डॉक्टर और डायरेक्टर के साथ तीन अन्य के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है। FIR दर्ज किए जाने के बाद 19 रोगियों की सेहत को खतरे में डालने के आरोपित डॉ. प्रशांत वजीरानी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस घोटाले में एक अन्य डॉक्टर संजय पटोलिया पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका राजकोट तथा सूरत के अस्पतालों से कनेक्शन है। ख्याति अस्पताल पर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के अंतर्गत गड़बड़ी करके पैसा लेने का आरोप है। यह गड़बड़ी एकदम स्वस्थ लोगों की फर्जी सर्जरी करवा कर की गई।
इस सर्जरी को आयुष्मान योजना के तहत दिखाया गया और फिर इसका बिल सरकार से ले लिया गया। दूसरे डॉक्टरों द्वारा की गई जाँच से सामने आया है कि अस्पताल के कहने पर जिन मरीजों ने एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कराई थी, उनको कोई पहले से स्वास्थ्य समस्या नहीं थी और उन्हें किसी इलाज की जरूरत नहीं थी।
सोला सिविल अस्पताल के CDMO डॉ. प्रकाश मेहता ने अब इस मामले में FIR दर्ज करवाई है। राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी द्वारा बनाई गई जाँच समिति के सदस्य मेहता ने इस मामले में बताया, “हमारी रिपोर्ट से पता चला है कि डॉ. प्रशांत वजीरानी ने ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. कार्तिक पटेल, डॉ. संजय पटोलिया, राजश्री कोठारी, CEO चिराग राजपूत और अन्य लोगों के साथ मिलकर PMJAY का दुरुपयोग किया और सरकारी पैसे का घोटाला किया।”
डॉक्टर मेहता ने बताया, “उन्होंने कथित तौर पर मरीजों की असली शारीरिक स्थिति के बारे में गलत जानकारी दी और एक आपराधिक साजिश रची। उन्होंने मरीजों को गुमराह किया, उन्हें झूठे बहाने से सहमति पत्र पर दस्तखत करवाकर स्टेंट लगाने और अनावश्यक एंजियोप्लास्टी और एंजियोप्लास्टी के लिए राजी किया।”
इस मामले में दर्ज की गई FIR के अनुसार, “इस गड़बड़ी के कारण कथित तौर पर दो मरीजों की मौत हो गई और बाकी को गंभीर शारीरिक नुकसान पहुँचा। क्योंकि ऑपरेशन इस तरह से किया गया जिससे और अधिक मौतें हो सकती थीं।”
जाँच कैम्प लगा ढूंढे थे मरीज, हार्ट की बीमारी पर बोला झूठ
मृतकों के परिजनों द्वारा करवाई गई FIR में बताया गया गया है कि ख्याति अस्पताल ने मरीज ढूँढने के लिए 10 नवम्बर, 2024 को मेहसाणा जिले के कडी तालुका के बोरिसाना गाँव में एक मुफ्त जाँच कैम्प आयोजित किया था। कैम्प के बाद, अस्पताल ने 11 नवंबर को 19 लोगों को अपने अहमदाबाद वाले अस्पताल में भर्ती कर दिया।
इन मरीजों से बताया गया कि उन्हें एंजियोग्राफी करवानी होगी। एंजियोग्राफी के बाद उनकी एंजियोप्लास्टी भी कर दी गई। इन मरीजों को उसी दिन स्टंट भी लगा दिए गए। स्टंट उन मरीजों को लगाया जाता है जिनकी खून की धमनियों में कुछ अवरोध पैदा हो जाता है और। यह स्टेट उनकी धमनियों से यह अवरोध हटाता है और हार्ट अटैक का ख़तरा कम करता है।
इस मामले में अहमदाबाद के जोन-1 के DCP हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया, “अस्पताल के चेयरमैन कार्तिक जसु पटेल, CEO चिराग हीरासिंह राजपूत, डायरेक्टर राजश्री प्रदीप कोठारी और बैरिएट्रिक सर्जन डॉ. संजय मुलजी पटोलिया पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं।”
इस मामले में आरोपितों BNS अधिनियम के तहत गैर इरादतन हत्या, गैर इरादतन हत्या का प्रयास, जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। वस्त्रपुर पुलिस धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के लिए ख्याति अस्पताल के डॉक्टरों और प्रबन्धन के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज करने पर विचार कर रही है।