महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान जारी है। इस बीच विपक्ष ने भाजपा नेता विनोद तावड़े पर लोगों को पैसे बाँटने का आरोप लगाया है। वहीं, महाविकास आघाड़ी (MVA) के शरद पवार वाली एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले पर बिटकॉइन घोटाले का पैसे इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। इस बीच इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक बार फिर पक्षपाती रुख अपनाते हुए ट्विट किया है।
दरअसल, महाराष्ट्र के पालघर में मंगलवार (19 नवंबर 2024) को बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर मतदाताओं को पैसे बाँटने का आरोप लगाया। इसके बाद राजदीप सरदेसाई ने इसको लेकर ताबड़तोड़ कई ट्वीट कर दिए। हालाँकि, यह मामला जाँच का विषय है, फिर वे अपनी राजनीतिक झुकाव को प्रदर्शित करने में नहीं चुके।
राजदीप सरदेसाई ने एक ट्वीट में लिखा, “बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को विरार के एक होटल में बीवीए विधायक ने घेरा। उन पर 5 करोड़ रुपए कैश बैग रखने का आरोप है। साथ ही उनके पास एक डायरी भी है, जिसमें उन लोगों के नाम हैं, जिन्हें पैसे दिए गए। बीजेपी और बीवीए कार्यकर्ताओं में झड़प। यदि वोट ‘खरीदे’ जाते हैं तो चुनाव कैसे स्वतंत्र और निष्पक्ष हो सकते हैं? क्या @ECISVEEP एक बार फिर जाँच एवं कार्रवाई करेगा या चुप रहेगा?”
HUGE: a day before Maharashtra goes to polls, major controversy.. BJP national general secretary Vinod Tawde trapped and gheraoed by a BVA MLA in a hotel in Virar, accused of having a Rs 5 crores cash bag with a diary of people to whom money given is reportedly mentioned. BJP… pic.twitter.com/lyChkwJHdZ
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 19, 2024
इस घटना से अति उत्साहित राजदीप ने अगला ट्वीट किया, “ब्रेकिंग: महाराष्ट्र में कैश फॉर वोट मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज। बीजेपी प्रत्याशी दो एफआईआर में नामज़द। एक एफआईआर में विनोद तावड़े का नाम है। एक एफआईआर में बीवीए का भी नाम है। कुल 9 लाख 53 हजार 900 रुपए नकद मिले। कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई है।”
Breaking: Total three FIR filed in Maharashtra cash for votes matter. BJP candidate named in two FIRs. Vinod Tawde named in one FIR. BVA also named in one FIR.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 19, 2024
Total cash found 9 lakhs 53 thousand 900 rupees.
9,53,900 total cash seized by election officials.
Total three FIRs…
राजदीप सरदेसाई विनोद तावड़े से जुड़े पल-पल की खबर दे रहे थे। अब कोई भी ये सोच सकता है कि राजदीप सरदेसाई एक पत्रकार हैं और अगर अपने ट्वीट में इसे बता रहे हैं तो गड़बड़ क्या है। गड़बड़ है। जिस वक्त तावड़े पर आरोप लगा, उसी समय शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले पर भी बिटकॉइन घोटाले के पैसे का इस्तेमाल विधानसभा चुनावों में करने का आरोप लगा। भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया भी।
हालाँकि, राजदीप सरदेसाई ने सुप्रिया सुले पर लगे आरोपों पर एक भी ट्वीट नहीं किया। सुप्रिया सुले पर आरोप लगाने वाले सेवानिवृत IPS अधिकारी हैं। सुले की बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया है। इस ऑडियो को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इसमें आवाज सुप्रिया सुले की ही है और वे उस आवाज को पहचान गए हैं।
इतना सब कुछ होने के बाद भी शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ लगे आरोपों पर राजदीप सरदेसाई ने एक भी ट्वीट नहीं किया। अब सवाल मन में उठेगा कि इसके पीछे क्या वजह हो सकती है। इसके पीछे शरद पवार और राजदीप सरदेसाई के पिता के बीच का रिश्ता है। शरद पवार का राजदीप के पिता पर एक अहसान है, जिसका बदला वे आज भी चुका रहे हैं।
🚨 In October 93, Rajdeep Sardesai's father was arrested for huge money laundering. The CM of Maharashtra was Sharad Pawar. So the case just disappeared.
— Eminent Intellectual (@total_woke_) November 20, 2024
Nov 24, #RajdeepSarDesai makes multiple tweets about allegations against #VinodTawade but forgets to mention 100 times more… pic.twitter.com/oQzm23IhUr
सोशल मीडिया साइट X पर एमिनेंट इंटेलेक्चुअल नाम के एक हैंडल ने इसको लेकर खुलासा किया है। दरअसल, अक्टूबर 1993 में राजदीप सरदेसाई के पिता को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार थे। आखिरकार यह मामला पूरी तरह से गायब हो गया। शायद यही वजह है कि राजदीप सरदेसाई शरद पवार के प्रति आज भी कृतज्ञ हैं।
राजदीप सरदेसाई के पिता दिलीप सरदेसाई एक क्रिकेटर थे। 20 अक्टूबर 1993 को एक खबर आई कि दिलीप सरदेसाई और पुणे के व्यवसायी जयंत विट्टलदास को 6.89 मिलियन अमेरिकी डॉलर (आज के विनिमय दर के हिसाब से लगभग 58 करोड़ रुपए) के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार करके 29 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह गिरफ्तारी विट्टलदास के यहाँ इनकम टैक्स की रेड के बाद हुई।
इस केस का क्या हुआ, किसी तो पता नहीं। कहा जाता है कि शरद पवार की कृपा से दिलीप सरदेसाई इसमें से बेदाग निकल गए। शायद यही कारण है कि शरद पवार की उस कृपा का फल राजदीप सरदेसाई आज भी दे रहे हैं। सुप्रिया सुले पर इतना बड़ा आरोप लगने के बावजूद भी उन्होंने सुले को लेकर एक भी ट्वीट नहीं किया।