अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है। यह मुकदमा 20 नवंबर, 2024 को जारी किया गया है। 57 वर्षीय संजय कौशिक नामक पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में झूठ बोल कर विमानों के कुछ पुर्जे खरीदे और उन्हें रूस में बेचने का प्रयास किया। इसी के चलते उन्हें अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोपित बनाया गया है।
अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा जारी की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कौशिक ने अमेरिका के आयात नियंत्रण नियमों का उल्लंघन किया है। यह मुकदमा संजय कौशिक के खिलाफ 20 ओरेगन जिले में दायर किया गया है। संजय कौशिक वर्तमान में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में हैं। उन्हें अक्टूबर, 2024 में गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका के न्याय विभाग ने दावा किया है कि कि कौशिक ने रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद मार्च 2023 में कई लोगों के साथ मिलकर साजिश रची। कौशिक और अन्य पर झूठे बहाने से अमेरिका से अवैध रूप से एयरोस्पेस तकनीक हासिल करने का आरोप लगाया गया है। न्याय विभाग ने आरोप लगाया कि अमेरिकी कम्पनी से यह कह कर तकनीक हासिल की गई कि यह भारत में उपयोग की जाएगी लेकिन इसे बाद में रूस भेजने का प्रयास किया गया।
मुकदमे में कहा गया है कि उन्होंने कई पुर्जे और तकनीक खरीदे। इनमें से एटीट्यूड हेडिंग रेफरेंस सिस्टम (AHRS) था। यह विमानों में लगाया जाता है। इससे विमान उड़ाने वाले को पता लगता है कि वह कितनी उड़ाई पर विमान उड़ा रहा है तथा किस दिशा में जा रहा है। विमान की स्थिति हवा में क्या है, इसकी जानकारी इससे ही हासिल होती है। ओरेगन स्थित कम्पनी से हासिल किए गए यह पुर्जे और तकनीक रूस भेजने की अनुमति वर्तमान में नहीं है। इन्हें रूस में बेचने के लिए पहले अमेरिकी सरकार की अनुमति जरूरी होती है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि संजय कौशिक ने यह कह कर यह सभी पुर्जे और तकनीक हासिल किए कि उनकी भारत में एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर फर्म है। हालाँकि, यह झूठ था। संजय कौशिक की फर्म ने लाइसेंस का उल्लंघन करते हुए अमेरिका से रूस सामान भेजा। हालाँकि, अमेरिकी एजेंसियों ने यह सामान अमेरिका में ही रोक लिया और रूस में नहीं पहुँचने दिया।
अगर कौशिक को इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उन्हें 20 साल तक की जेल और 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना देना पड़ सकता है।