उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर 2024) को जामा मस्जिद का सर्वे करने गई प्रशासनिक टीम पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। इस हमले में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। 28 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिसमें से कुछ की हालत गंभीर है। पुलिस ने दबिश दे कर कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है जिसमें महिलाएँ भी शामिल हैं। शहर में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 2 थानों को मिला कर अब तक कुल 5 FIR दर्ज हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ,अब तक संभल में कुल 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसमें 3 मृतकों के नाम नईम, बिलाल और नोमान हैं। इन सभी को पत्थरबाजी में शामिल बताया जा रहा है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, इसमें से 2 लोगों को 315 बोर की गोली लगी है। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने ऑपइंडिया को बताया कि पुलिस 315 बोर की गोली का इस्तेमाल नहीं करती है। पुलिस की पिस्टल या रायफल में से कोई भी हथियार इस बोर का नहीं होता है।
हिंसा के बाद से पुलिस लगातार दबिश दे रही है। अब तक 20 से अधिक हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 2 महिलाएँ भी शामिल हैं। इन हमलावरों के घरों से हथियार भी बरामद हुए है। इसमें एक नए टाइप का भी हथियार है जिसमें दोनों तरफ से धार बनी हुई है। इन सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में शामिल तमाम अन्य लोगों की भी पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
SP आईपीएस कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जिले की संभल तहसील क्षेत्र में एक दिन के लिए इंटरनेट सेवाएँ बाधित की गईं हैं। जिले में किसी भी बाहरी व्यक्ति अथवा नेता के बिना प्रशासनिक अनुमति के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कक्षा 12 तक के स्कूलों को भी सोमवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस घटना पर मुरादाबाद परिक्षेत्र के कमिश्नर IAS आंजनेय सिंह ने मृतकों के परिजनों से पूछा है कि उनके घर का सदस्य पत्थरबाजी करने क्यों गया था ?
मुरादाबाद मंडल कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह जी ने ऐसे सवाल उठाए, जो हर दंगे पर पूछे जाने चाहिए थे, लेकिन कभी पूछे नहीं गए। क्या दंगा करते हुए मारे गए लोगों के परिवार जिम्मेदारी नहीं लेंगे कि उनके सदस्य दंगा करने क्यों गए थे? पढ़ाई या नौकरी के लिए शहर को आग लगाने के इरादे से निकले थे pic.twitter.com/r5SCmgZgJA
— Hammer (@Hammer4radicals) November 25, 2024
आंजनेय सिंह ने यह भी कहा कि पुलिस पर पत्थर के साथ गोलियाँ भी बरसाई गईं हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से आँसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में जाँच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि पूरी रिकार्डिंग पुलिस के पास मौजूद है। उन्होंने कहा कि पत्थरबाज कोई धर्म-पुण्य का काम करने नहीं गए थे। जिले में फ़िलहाल के लिए ईंट और गिट्टी आदि की खरीदारी पर रोक लगा दी गई है।
जिले के सभी निवासियों को साफ़ हिदायत दी गई है कि अगर उनकी छतों पर कोई भी पत्थर और ज्वलनशील पदार्थ मिला तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका को भी निर्देश मिला है कि सड़क पर बिखरे किसी भी सामान को फ़ौरन जब्त करे। इस हिंसा में लगभग 28 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका इलाज करवाया जा रहा है। एक घायलों में SP के PRO और DSP अनुज विश्नोई भी शामिल हैं। एक कांस्टेबल के सिर में गंभीर चोट लगी है।
इस पूरे मामले में अब तक कुल 4 FIR दर्ज हुई हैं। इसमें से 3 FIR कोतवाली संभल जबकि एक अन्य नखासा थाने में हुई है। कोतवाली संभल में घायल SDM, SHO और 2 सब इंस्पेक्टरों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज किए गए है। वहीं नखासा थाने में भी एक केस पुलिस की तहरीर पर दर्ज हुआ है। यहाँ हमलावरों ने पुलिस पर पत्थर फेंके थे। इसी दौरान पुलिस की एक बाइक को भी जला दिया गया था।