उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (23 नवंबर) को भड़की हिंसा के बाद इसकी साजिश की परतें धीरे-धीरे उधड़ रहीं हैं। पकड़े गए पत्थरबाजों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि दंगाइयों को बैकअप देने के लिए कई मुस्लिम महिलाओं को भी तैयार रखा गया था। इस बीच प्रदेश सरकार ने हिंसा में हुए नुकसान की वसूली उपद्रवियों से करने का एलान किया है। उधर जमीयत उलेमा ए हिन्द ने भविष्य में किसी भी मस्जिद का सर्वे रोकने की माँग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पकड़े गए पत्थरबाजों और गिरफ्तार हुई खातूनों से पूछताछ में सामने आया है कि संभल हिंसा के दौरान बैकअप के लिए मुस्लिम महिलाओं को तैयार रखा गया था। पहले से ही साजिश के तहत काँच की बोतलें और पत्थर जमा कर लिए गए थे। इसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला किया। अंत में औरतों को इस बात के लिए रेडी रखा गया था कि अगर पुलिस दंगाइयों का पीछा करे तो वो सामने आकर खड़ी हो जाएँ।
बताया ये भी गया है कि मुस्लिम महिलाओं पर कई जिम्मेदारी डाली गई थी। पहली जिम्मेदारी में पुलिस के आगे खड़े होकर दंगाइयों को कवर देना था। वहीं दूसरे काम में उनको खुद भी पत्थरबाजी और सुरक्षा बलों पर बोतलें आदि फेंकने का जिम्मा मिला था। हिंसा में शामिल रुकैया, फरमाना और नजराना ने भी इसी तरह की साजिश रचे जाने की पुष्टि की है। इन महिला अरोपितों को आमने-सामने बिठा कर भी पूछताछ की गई है।
जो किया, वही भरेगा
इस बीच उत्तर प्रदेश शासन ने दंगाइयों से ही हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई की वसूली की तैयारी कर ली है। पुलिस विभाग सहित अन्य डिपार्टमेंट नुकसान का आंकलन करने में जुटा हुआ है। दंगाइयों की सम्पत्तियों की भी खोजबीन शुरू कर दी गई है। बताते चलें कि हिंसा के बाद अब तक कुल 27 दंगाई गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें 3 महिलाओं के साथ इतने ही नाबालिग भी शामिल हैं। 74 पत्थरबाजों को चिन्हित किया जा चुका है। बाकी की पड़ताल की जा रही है। जिले में कहीं भी खुले में पेट्रोल बेचने पर पाबन्दी लगा दी गई है।
दंगाइयों के साथ खड़ी जमीयत बंद करवाना चाहती है सर्वे
इस पूरे मामले में अब जमीयत उलेमा ए हिन्द की एंट्री हुई है। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र जारी करते हुए माँग की है कि आगे से किसी भी मस्जिद का सर्वे न करवाया जाए। सर्वे से सामाजिक एकता को खतरा बताते हुए जमीयत ने यह भी आवाज उठाई है कि हिन्दू पक्षकार ‘द ‘प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट’ का पालन करें। मौलाना महमूद मदनी ने मंगलवार (26 नवंबर) को यह पत्र जमीयत के सचिव नूर अहमद फारुकी के जरिए से जारी किया है।
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) November 26, 2024
इसी के साथ जमीयत उलेमा ए हिन्द संभल हिंसा में खुल कर दंगे के आरोपितों के पक्ष में खड़ी हो गई है। जमीयत की तरफ से शासन से SDM और डिप्टी एसपी को सस्पेंड करने की भी माँग उठाई गई है। जमीयत उलेमा ने संभल हिंसा में हुई मौतों का जिम्मेदार भी प्रशासन को ठहरा दिया है।