झारखंड में विपक्ष को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। झामुमो-कॉन्ग्रेस-राजद गठबन्धन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन अपने ही गढ़ से हारने की ओर अग्रसर हैं। अगर अभी तक के रुझानों की बात करें तो उन्हें भाजपा की लुइस मरांडी के हाथों हार का सामना करना पड़ सकता है। हेमंत सोरेन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, ऐसे में उनका हारना पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। न सिर्फ़ झामुमो, बल्कि कॉन्ग्रेस के लिए भी इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जाएगा।
ताज़ा आँकड़ों पर नज़र डालें तो हेमंत सोरेन को महज 3492 वोट मिले हैं, वहीं लुईस मरांडी 9821 वोटों के साथ उनसे काफ़ी आगे दिख रही हैं। दुमका में सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दाँव पर है, क्योंकि ये ‘गुरुजी का गढ़’ भी कहा जाता है। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन यहाँ से 8 बार सांसद रह चुके हैं। चुनाव आयोग की आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, अभी तक सोरेन को 24.97% मत मिले हैं, वहीं 70.23% मतों के साथ लुइस मरांडी एकतरफा जीत की ओर बढ़ रही हैं।
दुमका लोकसभा क्षेत्र की एक और सीट जामा से भी सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी है, क्योंकि यहाँ से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहू और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन चुनाव लड़ रही हैं। सीता सोरेन भी पीछे चल रही हैं। उन्हें अब तक के रुझानों के अनुसार 2277 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के सुरेश मुर्मू 4470 वोटों के साथ उनसे आगे हैं। सोरेन को अब तक 28.02% वोट मिले हैं तो मुर्मू 55.02% मतों के साथ आगे हैं।
Hemant Soren is trailing from Dumka seat, BJP’s Louis Marandi is leading by 6329 votes: ANI #ABPResults
— ABP News (@ABPNews) December 23, 2019
दुमका और जामा से सोरेन परिवार के हार के बाद इन चर्चाओं को काफ़ी बल मिलेगा कि शिबू सोरेन का गढ़ उनके हाथ से फिसलता जा रहा है। अगर पूरे राज्य के रुझानों की बात करें तो चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार भाजपा 22 और झामुमो 21 सीटों पर आगे चल रही है। कॉन्ग्रेस की 10 और राजद की 5 सीटों को मिला दें तो विपक्षी गठबंधन 36 सीटों पर आगे है।