Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयJNU के सम्मान में, पाकिस्तान मैदान में: लाहौर में निकली रैली, Pak विदेश मंत्री...

JNU के सम्मान में, पाकिस्तान मैदान में: लाहौर में निकली रैली, Pak विदेश मंत्री ने भी किया समर्थन

जेएनयू में हुई हिंसा में वामपंथी गुंडों का हाथ सामने आ रहा है और कई वीडियो भी इस बात की पुष्टि करते हैं। फिर भी मामला भटकाने के लिए वामपंथी ही ख़ुद को पीड़ित बता कर एबीवीपी, सरकार और पुलिस पर इल्जाम लगाने में जुटे हैं।

जेएनयू में हिंसा करने वाले वामपंथियों को सिर्फ़ दीपिका पादुकोण और स्वरा भास्कर जैसी अभिनेत्रियों से ही समर्थन नहीं मिल रहा है। पाकिस्तानी भी खुल कर इनके समर्थन में आगे आ रहे हैं। पाकिस्तान में रैली का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार (जनवरी 8, 2020) को लाहौर के छात्रों और शिक्षकों ने जेएनयू के समर्थन में रैली निकाली। इसके अलावा पाकिस्तान के मंत्री ने भी इनके समर्थन में सोशल मीडिया में अभियान चलाया। लाहौर में आयोजित रैली की थीम शायर फैज अहमद फैज की नज्म ‘लाजिम है कि हम भी देखेंगे’ रखा गया।

फैज़ को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब आईआईटी कानपुर ने एक जॉंच कमेटी बनाई। कमिटी इस बात की जाँच कर रही है कि जिस दिन फैज का नज्म IIT कैंपस में गाया गया, उस दौरान विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया गया या नहीं। छात्रों द्वारा विरोध-प्रदर्शन में उनका नज़्म गए जाने के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया था कि क्या ये हिन्दुओं के प्रति घृणा फैलाता है? इसके बाद वामपंथी गैंग फैज़ को भारत भक्त साबित करने में जुट गया था और ‘कला का कोई मजहब नहीं होता’ वाला पुराना और घिसा-पिटा तर्क देने लगा था। अब पाकिस्तान में भी फैज़ और जेएनयू के समर्थन में रैली निकल रही है।

इसी क्रम में पाकिस्तान के विदेश मंत्री मीडिया को सम्बोधित तो कर रहे थे ईरान और अमेरिका के मुद्दे पर, लेकिन उनके दिलोंदिमाग में भारत का विरोध ही छाया रहा। तभी तो ईरान पर बोलते-बोलते उन्होंने भारत सरकार पर ‘जेएनयू में हिंसा करने’ का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों की पिटाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले से पता चलता है कि भारत में असहिष्णुता तेज़ी से बढ़ रही है। पाक मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरएसएस के साथ मिल कर छात्रों को पीटा।

लाहौर में जेएनयू के समर्थन में आयोजित रैली का पोस्टर

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत के सभी विश्वविद्यालय में आरएसएस के लोग ऐसा ही कर रहे हैं। जेएनयू को पाकिस्तान की सत्ता और वहाँ के लोगों से भी भरपूर प्यार मिल रहा है। भारत का वामपंथी गैंग तो पहले से ही उनके समर्थन में खड़ा है।

जेएनयू में हुई हिंसा में वामपंथी गुंडों का हाथ सामने आ रहा है और कई वीडियो भी इस बात की पुष्टि करते हैं। फिर भी मामला भटकाने के लिए वामपंथी ही ख़ुद को पीड़ित बता कर एबीवीपी, सरकार और पुलिस पर इल्जाम लगाने में जुटे हैं।

JNU हिंसा: ABVP नहीं, कॉन्ग्रेस का इकोसिस्टम आया सामने, चैट वायरल होने के बाद सबसे बड़ा खुलासा

JNU प्रेसिडेंट आइशी घोष सहित 19 के खिलाफ FIR: मारपीट और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का आरोप

JNU हिंसा के दो चेहरे: जानिए कौन हैं नकाबपोशों का नेतृत्व करने वाली आइशी घोष और गीता कुमारी

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -