Friday, November 15, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकमीडिया फ़ैक्ट चेकसंख्या नहीं गिनाएँगे, सैकड़ों प्रदर्शनकारी बताएँगे: AltNews ने किया शाहीन बाग़ के सन्नाटे का...

संख्या नहीं गिनाएँगे, सैकड़ों प्रदर्शनकारी बताएँगे: AltNews ने किया शाहीन बाग़ के सन्नाटे का फर्जी फैक्ट चेक

'ऑल्टन्यूज़' ने दावा किया कि वहाँ सैकड़ों प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, जबकि तस्वीरों में ऊँगली पर गिने जाने लायक ही प्रदर्शनकारी दिखते हैं। सैकड़ों प्रदर्शनकारी? कितने सौ? 200..300..400..?? अगर इतने हैं तो दिख क्यों नहीं रहे? क्या वो अदृश्य हैं?

जगजाहिर है कि दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में चल रहे प्रदर्शन के पीछे कौन सी ताकतें काम कर रही हैं। भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की मंशा रखने वाले शरजील इमाम की गिरफ़्तारी के बाद चीजें स्पष्ट हो गई हैं। शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों का जोश चुनाव परिणाम आते ही ठंडा पड़ गया। ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी की भारी जीत से मुस्लिमों का मकसद पूरा हो गया है। ‘अमर उजाला’ में प्रकाशित एक ख़बर ने भी इस बात की पुष्टि की। भाजपा की हार के साथ ही शाहीन बाग़ वीरान पड़ गया है और वहाँ से प्रदर्शनकारी जाने लगे हैं।

ये बातें फैक्ट-चेक का दावा करने वाली वेबसाइट ‘ऑल्टन्यूज़’ को नागवार गुजरी। ऑपइंडिया ने भी इस ख़बर को चलाया था, जिससे ‘ऑल्ट न्यूज़’ को मिर्ची लग गई। भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ऑपइंडिया की इस ख़बर को शेयर किया, जिससे प्रतीक सिन्हा का प्रोपेगेंडा पोर्टल तिलमिला उठा। शाहीन बाग़ में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा लगा है, ये साबित करने के लिए उसने बेसिक गणित ज्ञान को भी तिलांजलि दे दी।

उसने ‘द क्विंट’ के एक पत्रकार द्वारा ली गई तस्वीरों से यह साबित करने का प्रयास किया कि शाहीन बाग़ पूरा भरा हुआ है। वहाँ की एक तस्वीर में एक भी व्यक्ति नहीं दिख रहा है। प्रोपेगेंडा पोर्टल ने बताया कि यह तस्वीर 11 फरवरी के सुबह 8 बजे की है, जब प्रदर्शनकारी सो रहे थे और मुस्लिम महिलाएँ आई नहीं थीं। यहाँ सवाल उठता है कि क्या अब सोने को भी विरोध-प्रदर्शन माना जाएगा? क्या कोई व्यक्ति अपने घर में सो जाएगा तो उसे भी विरोध-प्रदर्शन माना जाएगा? ‘ऑल्ट न्यूज़’ ने लिख दिया कि प्रदर्शनकारी सो रहे हैं, इसलिए वहाँ कोई नहीं दिखा।

इसकी तुलना घोड़ा और घास वाली पेंटिंग से की जा सकती है। कहानी के अनुसार, एक पेंटिंग थी जो पूरी खाली थी। एकदम सफ़ेद। चित्रकार उसे घोड़ा और घास की पेंटिंग बताता था। किसी ने पूछ दिया कि चित्र में घास कहाँ है, तो पेंटर ने बताया कि घास तो घोड़ा खा गया। उसे भूख लगी थी तो छोड़ेगा थोड़े? जब पूछा गया कि घोड़ा कहाँ है, तो पेंटर ने जवाब दिया कि घास खा कर घोड़ा बैठा थोड़ी न रहेगा, वो चला गया पेट भर के अपना। यही हाल ‘ऑल्टन्यूज़’ का है। वो सैकड़ों प्रदर्शनकारी और सोते हुए प्रदर्शनकारी के बीच फँसा हुआ है।

‘ऑल्टन्यूज़’ के भ्रामक और प्रपंची फैक्ट-चेक की खुली पोल

‘ऑल्टन्यूज़’ ने दावा किया कि वहाँ सैकड़ों प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, जबकि तस्वीरों में ऊँगली पर गिने जाने लायक ही प्रदर्शनकारी दिखते हैं। बाकी समय ‘ऑल्ट न्यूज’ नासा के सॉफ़टवेयर इस्तेमाल करके फोटो लेने की तारीख, समय और फोटोग्राफर का मूड तक बता दिया करता है, लेकिन इस तस्वीर के बारे में यही बता पाया कि प्रदर्शनकारी सो रहे थे। सवाल यह है कि वो वहाँ प्रदर्शन करने गए थे या सोने? क्या वहाँ प्रदर्शन के लिए शिफ्ट नहीं लगा करती थी? वो वहाँ संविधान बचा रहे हैं कि सो रहे हैं?

इस चित्र में आपको कहाँ दिख रहे हैं सैकड़ों प्रदर्शनकारी?

‘ऑल्टन्यूज़’ ने प्रदर्शनकारियों की संख्या की पुष्टि क्यों नहीं की? ये तो वही बात हो गई कि किसी ने पूछा कि आसमान में कितने तारे हैं तो एक हाजिरजवाब व्यक्ति ने बताया कि जितने उसके सिर में बाल हैं, उतने ही। सैकड़ों प्रदर्शनकारी? कितने सौ? 200..300..400..?? अगर इतने हैं तो दिख क्यों नहीं रहे? क्या वो अदृश्य हैं? जिन चार तस्वीरों को दिखा कर, 8 बजे से 12 बजे की तस्वीरें बता कर ऑल्टन्यूज यह क्लेम कर रहा है कि वहाँ सैकड़ों कर्मचारी हैं, उनमें से तीन तस्वीरों में कुल दस लोग भी नहीं दिख रहे और चौथी में संख्या तीस के आस-पास है।

Scroll, AltNews और पत्रकारिता के ‘एलीटिस्ट’ समुदाय विशेष को ब्रिटिश हेराल्ड के अंसिफ अशरफ़ का जवाब

जब AltNews ने 3 वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या के आरोपित ज़ाहिद, असलम के पापों को धोने की कोशिश की

मतगणना के साथ ही खाली हुआ शाहीन बाग, नजर आए इक्के-दुक्के प्रदर्शनकारी

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -