Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजविकिपीडिया का एडिटर जो मुस्लिम दंगाइयों को बचाने में लगा है: दिल्ली दंगे से...

विकिपीडिया का एडिटर जो मुस्लिम दंगाइयों को बचाने में लगा है: दिल्ली दंगे से लेकर ‘चौकीदार चोर है’ तक

उसने वारिस पठान और उसके भड़काऊ बयान को छिपा लिया। उसने ताहिर हुसैन का नाम भी छिपा लिया। उसने कारण बताया है कि जब तक उसे कानून द्वारा दोषी नहीं ठहरा दिया जाता, तब तक उसका नाम डालना सही नहीं होगा।

दिल्ली में हुए हिन्दुविरोधी दंगों में उलटा हिन्दुओं को ही दोषी साबित करने की कोशिश की जा रही है और इसमें विकिपीडिया भी शामिल है। विकिपीडिया पर जब भी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की बात डाली जाती है, उसे वहाँ से हटा दिया जाता है और इन दंगों को मुस्लिम-विरोधी ठहराया जाता है। इसके लिए प्रोपेगंडा पोर्टलों की ख़बरों का भी सहारा लिया जाता है। विकिपीडिया पर वरिष्ठ एडिटर DBigXray नामक यूजर ने 25 फ़रवरी को ‘नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगे’ नाम से एक पेज बनाया। जब आप इस पेज पर जाएँगे तो आपको दंगों की जगह भाजपा नेता कपिल मिश्रा की फोटो दिखेगी।

कपिल मिश्रा को बदनाम करने के लिए उन पर एक अलग सेक्शन ही डाल दिया गया है और उन्हें ‘भड़काने वाले’ की केटेगरी में रखा गया है। कुछ एडिटर्स ने आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान के एक भड़काऊ भाषण का जिक्र किया, जिसे एक साजिश के तहत पेज से हटा दिया गया। मोहम्मद शाहरुख़ ने पुलिस पर गोलीबारी की थी लेकिन इस पेज पर उसके बारे में काफ़ी कम मेंशन किया गया है और ये भी छिपा लिया गया है कि वो सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में से एक था। सीनियर एडिटर का कहना है कि उसके बारे में जानकारी देने की ज़रूरत नहीं है।

विकिपीडिया के इस लेख में मस्जिदों पर हमले का तो जिक्र है लेकिन मुस्लिम भीड़ की किसी भी करतूत का कोई जिक्र नहीं है। विकिपीडिया को कोई भी एडिट कर सकता है लेकिन नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों को उस श्रेणी में रखा गया है, जिसे सिर्फ़ रजिस्टर्ड वरिष्ठ एडिटर ही एडिट कर सकते हैं। मुस्लिम भीड़ ने ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाते हुए विनोद कुमार को ब्रह्मपुरी में मार डाला लेकिन इसका इस लेख में कोई जिक्र नहीं है। मास्टर एडिटर-3 की श्रेणी में रखा गया DBigXray लगातार ये नज़र रखता है कि यह लेख हिन्दुफोबिया से ग्रसित रहे।

विकिपीडिया गूगल रिजल्ट्स में सबसे पहले आता है और इसीलिए इसपर पक्षपाती सूचनाएँ नहीं रहनी चाहिए। रेडिट पर उपलब्ध एक सूचना के अनुसार दावा किया गया है कि विकिपीडिया के इस सिनोर एडिटर का नाम दीपेश राज है। वो आइआइटी कानपुर से पढ़ा हुआ है और फ़िलहाल इंटेल की बेंगलुरु ऑफिस में कार्यरत है। दीपेश ने एक स्कूल के बारे में भी विकिपीडिया पेज बनाया है, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो। हो सकता है उस स्कूल से उसका कोई व्यक्तिगत हित जुड़ा हो।

रेडिट की पोस्ट में यह भी कहा गया कि दीपेश अरविन्द केजरीवाल का समर्थक है लेकिन इस बारे में कुछ पुष्टि नहीं हो पाई है। इससे पहले विकिपीडिया पर उसका नाम Deepeshraj1 था, जो अब बदल कर DBigXray कर दिया गया है। उसने बताया है कि वो अपना असली नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहता, इसीलिए उसने विकिपीडिया पर अपना यूजरनेम बदल लिया है। उसने वारिस पठान और उसके भड़काऊ बयान को छिपा लिया। उसने ताहिर हुसैन का नाम भी छिपा लिया। उसने कारण बताया है कि जब तक उसे कानून द्वारा दोषी नहीं ठहरा दिया जाता, तब तक उसका नाम डालना सही नहीं होगा।

पाकिस्तान में वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टेन सौरभ कालिया के नाम के साथ भी उसने ‘शहीद’ की जगह ‘मार डाले गए’ का प्रयोग किया है जबकि उन्हें पाकिस्तान में प्रताड़ित करके मार डाला गया था और वो देश के लिए बलिदान हो गए थे। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के पेज से उसने ‘पंडित’ हटा दिया है। उसने ही ‘चौकीदार चोर है’ नामक विकिपीडिया आर्टिकल बनाया था। इसी तरह दीपेश लगातार विकिपीडिया पर वामपंथी और हिन्दू-घृणा से सनी हुई एडिटिंग करने में लगा हुआ है।

(ये ऑपइंडिया अंग्रेजी की सम्पादक नूपुर शर्मा द्वारा लिखे गए लेख का हिंदी अनुवाद है)

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -