Sunday, September 8, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'भारत, भ्रष्ट, मरा हुआ...' - गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी ने जहरीली राणा अयूब को...

‘भारत, भ्रष्ट, मरा हुआ…’ – गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी ने जहरीली राणा अयूब को कहा- नीच, स्वघोषित पत्रकार

अपने एक ट्वीट में स्वाति ने राणा अयूब को नीच इंसान कहा। अयूब पर आगे हमला करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें उन लोगों के लिए खेद है, जो खुद को ‘पत्रकार’ मानते हैं।

एक अजीब घटना सामने आई है। इसमें फेक न्यूज़ फैलाने को लेकर हमेशा ट्रोल होने वाली बकलोल पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने इस्लामी (खुद को लेकिन पत्रकार बताती है) राणा अयूब के कोरोना वायरस पर असंवेदनशील ट्वीट को लेकर उनके ऊपर हमला किया। दरअसल राणा अयूब ने 16 मार्च को कोरोना वायरस को लेकर एक ट्वीट किया।

इसमें राणा ने जोर देकर लिखा कि नैतिक रूप से भ्रष्ट होने के कारण भारत में हर कोई अंदर से इतना ‘मरा’ है, कि एक वायरस इन्हें (भारतीयों को) क्या मार सकता है? भारत में अब तक विदेशी नागरिक समेत 126 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इससे अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं। राज्यों ने बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। 

राणा अयूब के इस ट्वीट पर लोगों ने उन्हें काफी लताड़ा, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इस ट्वीट के लिए उन्हें उन लोगों ने भी लताड़ा, जो कि पहले खुद अपमानजनक और घृणित व्यवहार कर चुके हैं।

स्वाति चतुर्वेदी ने राणा अयूब को कहा ‘घृणित इंसान’

खुद को ‘पत्रकार’ बताने वाली गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी ने राणा अयूब के ट्वीट को मौकापरस्त बताते हुए उन्हें ‘घृणित इंसान’ बताया।

उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें अयूब को नीच इंसान कहा। अयूब पर आगे हमला करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें उन लोगों के लिए खेद है, जो खुद को ‘पत्रकार’ मानते हैं।

काफी ताज्जुब की बात है कि कुछ साल पहले तक राणा अयूब के तारीफों की पुल बाँधने वाली स्वघोषित ‘पत्रकार’ स्वाति चतुर्वेदी आज उसके खिलाफ जहर उगल रही हैं।

अब ऐसा लगता है कि चतुर्वेदी ने इस तरफ इशारा किया कि राणा अयूब कहीं कहीं तथ्यात्मक रूप से गलत थी, जिसके बाद अयूब ने उन्हें ब्लॉक कर दिया।

अब जब दो मित्र शत्रु हो गए हैं, तो हम अपने पाठकों पर यह छोड़ते हैं कि वो बताएँ कि ये लड़ाई किसने जीती? स्वाति चतुर्वेदी या फिर राणा अयूब? पोल का बटन दबाएँ और अपना विजेता चुनें 🙂

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -