Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजजब पूरा देश जता रहा था आभार, जामिया की अबु फजल कॉलोनी में लगे...

जब पूरा देश जता रहा था आभार, जामिया की अबु फजल कॉलोनी में लगे आजादी-आजादी के नारे: Video वायरल

मुस्लिम मिरर की पत्रकार खुशबू खान ने इस वाकये का विडियो अपने ट्वीटर पर खुद शेयर किया और लिखा कि अबु फजल के निवासियों ने आजादी के नारे लगाए। विडियो देखें तो पता चलेगा कि इन लोगों ने वही नारे अपनी छतों से लगाए, जिन्हें...

दिल्ली के जामिया नगर इलाके में एक कॉलोनी है- अबुल फजल। ये कॉलोनी रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान चर्चा में रही। कारण यहाँ की गलियों में गूँजे ‘आजादी’ के नारे! ये वैसे ही आजादी के नारे थे, जिन्हें कभी कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा गला फाड़ चिल्लाया जाता था और जिनका समर्थन पाकिस्तान के आतंकी कश्मीरी हिंदू महिलाओं का बलात्कार करने और उन्हें मारने के दौरान किया करते थे।

22 मार्च को जिस समय पूरा देश एकजुट होकर प्रधानमंत्री की अपील पर स्वास्थ्यकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के लिए अपने-अपने तरीके से आभार व्यक्त कर रहे थे, उस वक्त जामिया नगर के पास स्थित इस इलाके में आजादी के नारे लग रहे थे।

मुस्लिम मिरर की पत्रकार खुशबू खान ने इस वाकये का विडियो अपने ट्वीटर पर खुद शेयर किया और लिखा कि अबु फजल के निवासियों ने आजादी के नारे लगाए। विडियो देखें तो पता चलेगा कि इन लोगों ने वही नारे अपनी छतों से लगाए, जिन्हें अभी तक ये प्रदर्शनों में ढपली और माइक लेकर लगा रहे थे। विडियो में ताली-थाली बजाने की आवाज भी सुनी जा सकती है।

गौरतलब है कि देश में बढ़ रहे कोरोना के प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 तारीख को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। इस दौरान पीएम ने देशवासियों से 5 बजे बालकनी में निकलकर स्वास्थ्यकर्मियों और देश की सेवा में जुटे लोगों का आभार ताली-थाली बजाकर प्रकट करने को कहा था। लेकिन ओखला के इस इलाके के लोगों ने उनको धन्यवाद देने से ज्यादा अपनी आजादी के लिए माँग करना जरूरी समझा और माहौल का राजनीतिकरण करने से नहीं चूके।

बता दें कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों में और जेएनयू द्वारा किए गए प्रदर्शनों में हमने खुलेआम उन आजादी के नारों को गूँजते देखा और सुना है। ये नारे एक समय में कश्मीर में पंडितों के नरसंहार के दौरान अस्तित्व में आए थे और उस समय इन्हें पाकिस्तानियों, आतंकवादियों, अलगाववादियों का पूरा समर्थन था। मगर, आज के संदर्भ में ये नारे विशेष समुदाय और लिबरल लोगों के लिए आम हो गए हैं। अक्टूबर 2019 में हजारों पाकिस्तानियों ने घोषणा की थी कि वे LOC पार करके भारत में घुसपैठ करेंगे और ‘कश्मीर को आज़ाद करेंगे’। ऐसा करते समय, पाकिस्तानियों ने ऐसी ही आज़ादी ’के नारे लगाए थे और LOC पर मार्च किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -