Tuesday, November 26, 2024
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सैफ के कारण पत्नी, उसका भतीजा, साली समेत 10 लोग हुए संक्रमित: बिहार में बढ़ा कोरोना के सामुदायिक संक्रमण का ख़तरा

सैफ की एम्स पटना में गत 22 मार्च को मौत हुई थी, उसके संपर्क में आने वालों में 10 लोग अब तक कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। इन कोरोना पॉजिटिव मामलों में सैफ की पत्नी, उसका भतीजा और साली के अलावा मुंगेर स्थित अस्पताल के 4 और पटना स्थित शरणम् अस्पताल के भी तीन कर्मचारी शामिल हैं, जिन अस्पतालों में सैफ का इलाज हुआ था।

कतर से लौटे मुंगेर के जिस 38 वर्षीय युवक सैफ की एम्स पटना में गत 22 मार्च को मौत हुई थी, उसके संपर्क में आने वालों में 10 लोग अब तक कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। इन कोरोना पॉजिटिव मामलों में सैफ की पत्नी, उसका भतीजा और साली के अलावा मुंगेर स्थित अस्पताल के 4 और पटना स्थित शरणम् अस्पताल के भी तीन कर्मचारी शामिल हैं, जिन अस्पतालों में सैफ का इलाज हुआ था।

सैफ के मामले में हुई घोर लापरवाही के कारण पहले से ही इस बात की आशंका बनी हुई थी कि कहीं ये बिहार में सामुदायिक संक्रमण की वजह न बन जाए। अब जबकि सैफ के सम्पर्क में रहे 10 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है, बिहार के शासन-प्रशासन के माथे पर बल पद चुके हैं। इन नए मामलों के आने के बाद से वहाँ का स्वास्थ्य विभाग अब इस जाँच-पड़ताल में लगा है कि इन 10 कोरोना संक्रमित लोगों के सम्पर्क में कौन-कौन आया था। जाँच का दायरा बढ़ता जा रहा है। हालाँकि, इन 10 संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए लोगों में से अब तक जितने व्यक्तियों की जाँच करवाई गई है वे सभी कोरोना निगेटिव निकले हैं।

कल रविवार को पटना के उस शरणम अस्पताल की महिला कर्मी की माँ, बहन तथा दो भाइयों के नमूने जाँच को लिए गए, उसके परिवार के अन्य सदस्यों के नमूने जाँच के लिए सोमवार को लिए जाएंगे। याद रहे कि इस शरणम अस्पताल में ही सैफ को मुंगेर से लाकर भर्ती करवाया गया था। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक तरफ जहाँ बिहार में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण की आशंकाएँ बढ़ती जा रही हैं, वहीं लोगों की लापरवाही और गैर जिम्मेदार रवैये में कोई परिवर्तन आता नहीं दिख रहा। यहाँ तक कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति उन लोगों की भी ठीक-ठीक जानकारी नहीं दे रहे जिनसे बीते दिनों वे सम्पर्क में आए थे।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक जिन 15 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है वे भी जाँच पड़ताल में सहयोग नहीं कर रहे जिस कारण स्वास्थ्य विभाग को अन्य संभावित कोरोना संक्रमित व्यक्तियों तक पहुँचने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। बतौर उदाहरण पटना के जिस युवक में कोरोना का संक्रमण पाया गया था उसके परिवार के सदस्यों के नमूने तुरंत एकत्र कर लिए गए थे लेकिन उसके सम्पर्क में रहे दूसरे 6 लोगों को ढूंढ़ने में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पाँच दिन लग गए। जाहिर है यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव निकला तो वह बीते दिनों कितनों से मिला होगा!!

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में रविवार को आठ नए कोरोना संक्रमित आशंकितों को भर्ती किया गया। वर्तमान में इस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कुल 22 लोग भर्ती हैं। इसके अलावा सात लोगों के नमूने जाँच के लिए भेजे गए हैं। देर से आने के कारण एक आशंकित का नमूना सोमवार को जांच के लिए भेजा जाएगा। इसी तरह पटना के इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के वायरोलॉजी लैब में अब तक 64 नमूनों की जाँच की गई जिनमें से 4 में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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