हिजबुल कमांडर आतंकी रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में सक्रिय टॉप-10 आतंकियों की नई लिस्ट तैयार की है। हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कई मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के नाम शामिल हैं।
घाटी में बीते कई दिनों से आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के बीच भारतीय सुरक्षाबलों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सक्रिय शीर्ष 10 सर्वाधिक वांछित आतंकियों के खौफनाक मंसूबों को बेअसर करने के लिए नए अभियान शुरू कर दिए हैं। इस लिस्ट में डॉ. सैफुल्ला उर्फ डॉक्टर, मोहम्मद अशरफ, जुनैद सहराई जैसे मोस्ट वांटेड आतंकी शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कश्मीर घाटी में सक्रिय इन सभी टॉप-10 आतंकवादियों को पाकिस्तान की खुफिया इकाई आईएसआई की मदद से संचालित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था। यह आतंकी नए लड़कों की भर्ती करने के अलावा पूरे कश्मीर में आतंकी नेटवर्क की पूरी जानकारी रखने के अलावा सीमा पार अपने आकाओं के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं।
टॉप-10 खतरनाक और खूंखार आतंकी:
1. डॉ. सैफुल्ला उर्फ डॉक्टर
हिजबुल मुजाहिदीन का नवनियुक्त कमांडर
अक्टूबर, 2014 से हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल
पुलवामा के मलंगपोरा का रहने वाला
नाइकू ने उसे गाजी हैदर नाम दिया था।
2. मोहम्मद अशरफ खान उर्फ अशरफ मौलवी
हिज्बुल मुजाहिदीन का नया ऑपरेशनल चीफ
कश्मीर के अनंतनाग का निवासी
9 सितंबर, 2016 को हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुआ और तब से घाटी में सक्रिय है।
3. जुनैद सहराई
कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री
2018 से आतंकी संगठन हुर्रियत की जिलानी गुट का मुखिया
जुनैद के पिता अशरफ सहराई जमीयत-ए-इस्लामी के कट्टर समर्थक हैं
4.मोहम्मद अब्बास शेख
यह हिजबुल संगठन के साथ 3 मार्च 2015 से जुड़ा है।
इसे तुराबी मौलवी के रूप में भी जाना जाता है।
5. जाहिद जरगर
2014 से अंत में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल
पिछले कुछ महीनों से भूमिगत
6 .फैसल भाई
A + कैटेगरी का आतंकवादी
2015 से जैश ज्वॉइन
7.शकूर
लश्कर का सदस्य और 2015 से सक्रिय है।
8. शिराज अहमद लोन उर्फ मौलवी
हिजबुल का सदस्य
30 सितंबर 2016 को आतंकी संगठन में शामिल
9.सलीम पर्रे
आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़ा
10.ओवैस मलिक
आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया इन आतंकवादियों की तलाश जारी है। अब इनके साथ जुड़े लोगों की सूची तैयार की जाएगी जिसके जरिए हम इनके बारे में आवश्यक जानकारियाँ जमा कर इनके खिलाफ अभियान चलाएँगे। साथ ही इनके मारे जाने से आतंकी गतिविधियों में कमी आएगी और आतंकी कैडर का मनोबल टूटेगा।