Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजPFI के लीगल इंचार्ज मोहम्मद दिलशाद को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार: सोशल मीडिया...

PFI के लीगल इंचार्ज मोहम्मद दिलशाद को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार: सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप

पुलिस ने बीते कुछ दिनों से उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी थी। जैसे ही मोहम्मद दिलशाद ने भड़काऊ बातें साझा की वैसे ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल इस मामले में पुलिस उससे आगे की पूछताछ कर रही है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (एसडीपीआई) के उत्तर प्रदेश लीगल इंचार्ज मोहम्मद दिलशाद को गिरफ्तार किया है। उस पर सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में भड़काऊ और नफ़रत फैलाने वाली बातें करने का आरोप लगा है। सामने आई जानकारी के मुताबिक़ वह सोशल मीडिया पर ऐसी चीज़ें ही साझा करता था जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़े।  

पुलिस ने मोहम्मद दिलशाद को राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी बुधवार (26 अगस्त 2020) को देर रात के आस-पास हुई थी। दिलशाद उत्तर प्रदेश में पीएफआई का लीगल इंचार्ज है। उस पर आरोप लगाया गया है कि वह व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर के ज़रिए माहौल बिगाड़ने वाली भड़काऊ विषय वस्तु साझा करता था। फ़िलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।    

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में मोहम्मद दिलशाद ने बताया कि पिछले काफी समय से पीएफआई के लिए काम कर रहा है। इतना ही नहीं वह वह राजनीतिक दल एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य भी है। इसके अलावा सुजीत पाण्डेय मंडलायुक्त लखनऊ ने भी इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह विज्ञान में स्नातक है लेकिन अभी कुछ नहीं कर रहा है। वह पीएफआई के प्रचार प्रसार का काम करता था।  

साथ ही उस पर यह ज़िम्मेदारी भी थी कि ज़्यादा से ज़्यादा नए लोगों को अपने संगठन में शामिल करे। पुलिस ने बीते कुछ दिनों से उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी थी। जैसे ही मोहम्मद दिलशाद ने भड़काऊ बातें साझा की वैसे ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल इस मामले में पुलिस उससे आगे की पूछताछ कर रही है।    

गौरतलब है कि हाल ही में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में भड़की हिंसा के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का नाम सामने आया था। सूबे की येदियुरप्पा सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है। कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि SDPI एक बेकार संगठन है हम इसे बैन करने के बारे में विचार कर रहे हैं। एसडीपीआई इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है। जो अक्सर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से ख़बरों में बना रहता है। 

इसके पहले भी उत्तर प्रदेश के बहराइच से रामजन्मभूमि पूजन के दौरान एक घटना सामने आई थी। सोशल मीडिया पर लोगों को बरगलाने और उन्माद फैलाने के आरोप में पुलिस ने शुक्रवार (7 अगस्त, 2020) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े एक डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार यह लोग अयोध्या राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम के दिन सोशल मीडिया पोस्ट जरिए समुदाय विशेष के लोगों में आक्रोश फैलाना चाह रहे थे। जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -