Thursday, May 2, 2024
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अनिल अंबानी के खिलाफ चीन के 3 बैंको ने शुरू की कार्रवाई: 5276 करोड़ रुपए का है मामला

इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ़ चाइना ने अनिल अंबानी पर ब्याज सहित 708 मिलियन डॉलर का ऋण चुकाने में विफल होने के लिए मुकदमा दायर किया।

बैंकों के कर्जे में डूब रखे अनिल अंबानी की परेशानियाँ दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। खबर है कि उन्होंने जिन तीन चीनी बैंकों से 5,276 करोड़ रुपए का कर्जा लिया था, अब वह उनकी दुनिया भर में फैली संपत्तियों के बारे में पता लगाएँगे। यह कार्रवाई यूके अदालत के आदेश के बाद हो रही है।

गौरतलब है कि एक समय दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार अनिल अंबानी को यूके की अदालत ने 22 मई को 5,276 रुपए भुगतान करने के आदेश दिए थे। इसमें 7.04 करोड़ रुपए ब्याज के शामिल हैं। इसके अलावा तीनों बैंक ने कानूनी कार्रवाई में आए खर्चे की माँग भी अदालत के सामने रखी थी। यह राशि 29 जून तक 5,278 करोड़ हो गई थी। इस मामले में बैंकों का प्रतिनिधित्व कर रहे बंकिम थंकी क्यूरी ने यूके की अदालत को बताया था कि अनिल अंबानी उन्हें एक भी पैसा देने से बिलकुल इंकार कर रहे थे।

शुक्रवार को सुनवाई के बाद बैंक ने अपने बयान में कहा कि वे अंबानी के ख़िलाफ़ प्रवर्तन कार्रवाई और हर मुमकिन उपाय करने जा रहे हैं। बैंकों की ओर से कहा गया है कि वह क्रॉस एग्जामिनेशन के जरिए अपने अधिकारों के बचाव हेतु हर कानूनी कार्रवाई करेंगे और अंबानी से अपना लोन वापस लेंगे।

हालाँकि, बता दें कि चीनी बैंक भारत में अनिल अंबानी की संपत्ति पर प्रवर्तन कार्रवाई नहीं कर सकते, क्योंकि भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी अंबानी के ख़िलाफ़ दिवालिया केस चला रहा है (जिस पर फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई है)। इसलिए यह अनुमान है कि उनके ख़िलाफ़ प्रवर्तन कार्यवाही भारत के बाहर होगी।

बता दें कि कुछ समय पहले इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ़ चाइना ने अंबानी पर ब्याज सहित 708 मिलियन डॉलर का ऋण चुकाने में विफल होने के लिए मुकदमा दायर किया था। यह ऋण उनकी कंपनी, Reliance Communications द्वारा लिया गया था। बैंकों के अनुसार ऋण के लिए उन्होंने पर्सनल गारंटी दी थी।

इसके बाद 29 जून को हाईकोर्ट ने अंबानी को एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। जिसमें उनसे उनकी सारी संपत्ति बताने को कहा गया था। इस आदेश को मानते हुए अनिल अंबानी ने अपने हलफनामे में खुलासा किया था कि उनकी संपत्ति की कीमत 1,00,000 डॉलर (74 लाख) के करीब है। एफिडेविट में अनिल अंबानी से यह भी बताने को कहा गया था कि क्या उनकी इस संपत्ति में किसी और की भी भागीदारी है।

अपने इस हलफनामे में अंबानी ने बताया कि उन्होंने रिलायंस इनोवेंचर्स को 5 अरब रुपए का लोन दिया है और रिलायंस इनोवेंचर्स में 1.20 करोड़ इक्विटी शेयर की कीमत नहीं है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अपने पारिवारिक ट्रस्ट समेत दुनिया भर के किसी भी ट्रस्ट में उनका कोई आर्थिक हित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले उद्योगपति अनिल अंबानी ने लंदन हाईकोर्ट को बताया था कि लोन चुकाने और क़ानूनी लड़ाइयाँ लड़ने के लिए उन्हें अपने सारे गहने बेचने पड़े हैं। इससे उन्हें 10 करोड़ रुपए मिले। फिलहाल उनका खर्च पत्नी टीना अम्बानी और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा वहन किया जा रहा है।

अनिल अंबानी सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। इस दौरान उनसे उनकी संपत्ति, ऋण और खर्चों के हिसाब-किताब के बारे में 3 घंटे तक सवाज-जवाब किए गए। लक्जरी गाड़ियों को लेकर चल रही खबर को मीडिया द्वारा फैलाई गई अफवाह करार देते हुए बताया कि उन्होंने बेटे से भी लोन ले रखा है।

अंबानी ने कोर्ट के समक्ष इस सुनवाई को प्राइवेट रखने का अनुरोध किया था। मगर जज ने कहा कि व्यक्तिगत शर्मिंदगी से बचने के लिए उन्होंने ये अनुरोध किया था। हालाँकि, इसे अस्वीकार कर दिया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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