Sunday, May 5, 2024
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दाढ़ी कटाकर ड्यूटी पर ‘चकाचक’ होकर लौटे सब इंस्पेक्टर इंतसार अली, एसपी ने लिया सस्पेंशन वापस

विभाग की अनुमति के बगैर दाढ़ी रखने पर निलंबित किए गए बागपत के दारोगा इंतसार अली को दाढ़ी कटवाने के बाद बहाल कर दिया गया है।

बिना अनुमति दाढ़ी रखने पर निलंबित किए गए दारोगा इंतसार अली ने आखिरकार अपनी दाढ़ी कटवा ली है। दाढ़ी कटवाने के बाद शनिवार (अक्टूबर 24, 2020) को वह एसपी बागपत के समक्ष पेश हुए, जिसके बाद एसपी अभिषेक सिंह ने उनका निलंबन वापस लेते हुए उन्हें बहाल कर दिया। पुलिस के यूनिफॉर्म कोड को लेकर अनुशासनहीनता बरतने पर उनको निलंबित कर दिया गया था। 

बागपत पुलिस द्वारा इसकी जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा गया, ‘‘दाढ़ी काटकर निर्देशों का पालन करने के उपरान्त उपनिरीक्षक इंतसार अली को पुलिस अधीक्षक बागपत द्वारा निलंबन से बहाल किया गया।”

मामले में सब इंस्पेक्टर इंतसार अली ने भविष्य में पुलिस विभाग के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने बहाल करने के लिए प्रत्यावेदन दिया, इस पर उन्हें बहाल कर दिया गया।

बागपत के एसपी अभिषेक सिंह के अनुसार, “इंतसार अली एक आवेदन पत्र के साथ आया था जिसमें कहा गया था कि उसने गलती की है और अब उसने आदेशों का पालन किया है। वह क्लीन शेव था और मैंने उसे तुरंत बहाल कर दिया।”

बागपत के रमाला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली को 20 अक्टूबर को

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित रमाला थाने में इंतसार अली बतौर सब इंस्पेक्टर (एसआई) तैनात थे। उन्होंने बिना अनुमति पिछले कुछ समय से लंबी दाढ़ी रखी हुई थी नतीजतन उन्हें पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें कई बार दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने बिना किसी भी तरह की अनुमति लिए पिछले काफी समय से दाढ़ी रखी थी।    

एसपी अभिषेक सिंह ने कहा था कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस में अनुशासन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। इंतसार को कई बार नोटिस भेजा गया था कि दाढ़ी रखने के अनुमति लें, लेकिन लगातार इसकी अनदेखी की गई। अनुशासनहीनता में विभागीय स्तर पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई। इसको किसी मजहब से जोड़कर न देखा जाए।

उन्होंने कहा था, “पुलिस मैनुएल के दिशा-निर्देशों के अनुसार सिख समुदाय के पुलिस कर्मियों के अलावा किसी भी अन्य समुदाय का व्यक्ति पुलिस विभाग में तैनात रहते हुए दाढ़ी नहीं रख सकता है। इस आदेश में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सभी आते हैं। अगर पुलिस विभाग से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति ऐसा करना चाहता है तो उसे सबसे पहले अनुमति लेनी होती है। इतने महत्वपूर्ण आदेश के बिना इंतसार अली बिना किसी भी तरह की आज्ञा लिए दाढ़ी रख रहे थे।”

वहीं इंतसार अली का कहना था कि वह अनुमति के लिए पिछले कई सालों से लगे हुए थे। उनके अनुसार वो एसपी और आईजी कार्यालय में भी अनुमति के लिए गए थे। हर जगह उनका पत्र लंबित पड़ा हुआ है और उनके निवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हुई। 

ड्यूटी पर वेशभूषा को लेकर यह नियम हैं –

  • सिखों को छोड़कर यदि अन्य कोई सेवा में रहते हुए दाढ़ी रखता है तो उसको अनुमति लेना आवश्यक है।
  • पुलिस में रहते केवल मूंछ रखने की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती।
  • एसपी या एसएसपी के अधीन सेवारत लोगों को पहले स्थानीय स्तर पर अनुमति का प्रार्थना पत्र देना होता है।
  • यदि वहाँ से प्रार्थना पत्र निरस्त होता है तो आईजी स्तर पर अपील की जा सकती है। 
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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