तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के नेता मदन मित्रा (Madan Mitra) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अर्जुन सिंह पर निशाना साधते हुए भगवान परशुराम और माता सीता के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाकर हिंदुओं की भावना को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया। मित्रा ने कहा कि परशुराम भगवान कभी भी बिना बीफ के खाना नहीं खाते थे। माता सीता उनके लिए स्वयं बीफ पकाती थीं।
मित्रा ने इस दौरान ‘जय श्रीराम’ वाली घटना पर उच्च न्यायालय तक जाने की बात की। साथ ही भाजपा नेता के लिए अपशब्द कहे। उन्होंने रामायण का मनगढ़ंत हवाला देकर कहा कि भगवान परशुराम तो कभी भी बीफ के बगैर खाना नहीं खाते थे और माता सीता खुद उनके लिए उसे बनाती थीं।
स्थानीय समाचार बंग्लाहंट की रिपोर्ट के अनुसार मित्रा ने एक टीवी शो में मनगढ़ंत कहानी बनाते हुए कहा कि जब जानकी माता को पता चला कि परशुराम घर आए हैं तो उन्होंने कहा कि जल्दी करो और गाय पकाओ। वह बिना गाय के भोजन नहीं करेंगे। इस टिप्पणी को सुनने के बाद भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने भी उनसे पूछा कि क्या इस तरह के धर्म का पाठ उन्हें ममता बनर्जी ने पढ़ाया है।
मदन मित्रा ने जी 24 घंटा चैनल पर यह विवादित टिप्पणी 28 जनवरी 2021 को रात करीब 9:30 बजे की थी। जिसके बाद आज उनके ख़िलाफ़ कोलकाता के साउथ पोर्ट थाने में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के अध्यक्ष आशुतोष झा ने केस दर्ज करवाया। अपनी शिकायत में उन्होंने मुकदमे को धारा 295ए और 153 ए के तहत दर्ज करने को कहा है।
आशुतोष का कहना है कि ऐसे अपमानजनक शब्द बेहद शर्मिंदा करने वाले हैं। किसी भी हिंदू के लिए अस्वीकार्य हैं जो रामायण और भगवान विष्णु के दशावतरों व गौ पूजा में आस्था रखता है। शिकायत में BJYM अध्यक्ष ने प्रोग्राम का लिंक दिया है। उनका कहना है कि इससे हिंदुओं की धार्मिक आस्था का अपमान हुआ है। साथ-साथ साम्प्रादायिकता फैलाने की भी कोशिश की गई है। अत: मदन मित्रा के ख़िलाफ़ इस संबंध में उपयुक्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
गौरतलब हो कि टीएमसी नेता का ऐसा विवादित बयान हफ्ते भर में दूसरी बार आया है। इससे पहले उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी के लोग सुन लें, दूध माँगोगे को खीर देंगे, अगर बंगाल माँगोगे तो चीर देंगे।
इस बयान को आधार बनाकर भाजपा ने भी उन पर पलटवार किया था। बंगाल में भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था, “किसको फोड़ोगे? बातचीत किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेंगे। लोग उनसे (TMC से) इतने परेशान हैं कि सभी स्कोर तय कर लेंगे। कानून और व्यवस्था की स्थिति जर्जर है। लोग इससे छुटकारा चाहते हैं इसलिए वे हमारे पास आ रहे हैं। इससे वे (टीएमसी) चिंतित हो गए और उन्होंने हम पर हमला किया।”