अक्सर इस्लामवादियों का महिमामंडन करने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की ज़ी टीवी के एंकर अमन चोपड़ा ने क्लास लगा दी। दरअसल, हर मुद्दे पर मुस्लिमों को असुरक्षित बताने वाले अंसारी खुद ही नहीं बता पाए कि किस तरह से मुसलमान भारत मे असुरक्षित है।
भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति अपनी नई किताब ‘बाय मैनी ए हैप्पी एक्सीटेंड’ को प्रोमोट करने के लिए शो पर पहुँचे थे। उसी दौरान ज़ी न्यूज़ के एंकर ने कुछ ऐसे पेचीदा सवाल अंसारी से पूछे, जिसने उन्हें उनके ही द्वारा कही गई बातों पर शर्मिंदा कर दिया और वो जवाब देते वक्त हकलाते हुए नजर आए।
साक्षात्कार के दौरान समाचार एंकर ने 10 साल पद पर बने रहने के बाद भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में उसे छोड़ने से पहले अंसारी द्वारा दिए गए अंतिम इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के अंदर ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है। देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है।
यहाँ अंसारी ने एक बार फिर दोहराया कि राष्ट्र में मुसलमानों के बीच वास्तव में एक “असुरक्षा की भावना” है।
Awesome screwing of Jehadi Ansari. Well done, @AmanChopra_ pic.twitter.com/Ur76CB8TEQ
— iMac_too (@iMac_too) January 30, 2021
न्यूज एंकर अंसारी से सवाल करता है कि क्या वह भी उसी तरह महसूस करते है? क्योंकि वह भी एक मुसलमान हैं। इस पर पूर्व वीपी ने जवाब देने के बजाय यह कहते हुए मना कर दिया कि इस विषय पर एक अलग बहस की आवश्यकता है। हालाँकि, इस दौरान एंकर अमन चोपड़ा हामिद अंसारी से पूछते हैं कि क्या हाल ही में मोदी सरकार द्वारा किए गए फैसले सीएए, ट्रिपल तालक, राम मंदिर ने तो कहीं नहीं भारतीय मुसलमानों को असुरक्षित महसूस करने के लिए मजबूर किया है, जैसा कि अंसारी ने कहा है।
जिस पर हामिद अंसारी कहते है कि वह इसके लिए कोई कारण नहीं दे सकते है। तब चोपड़ा यह कहते हुए हस्तक्षेप करते हैं कि वास्तव में कोई ठोस कारण है ही नहीं, यही कारण है कि अंसारी इस पर कोई बात नहीं बोल रहे।
जिसके बाद न्यूज़ एंकर ने चालाकी से लिंचिंग के विषय को लेकर पूछा कि क्या यह एक कारण है कि मुसलमान असुरक्षित हैं। अपने शब्दों को ध्यान से चुनने की पूरी कोशिश करने के बावजूद हामिद अंसारी स्वीकार करते हैं कि यह एक कानून व्यवस्था का मुद्दा है।
इंटरव्यू के दौरान अमन चोपड़ा कहते हैं, “सर, लिंचिंग सिर्फ मुसलमानों कि ही नहीं हिंदुओं की भी की जाती है, वे असुरक्षित क्यों नहीं हैं?” जिसे सुन हामिद अंसारी थोड़े गुस्से में हो जाते हैं और कहते हैं कि उन्हें यकीन नहीं है कि हिंदुओं को लिंचिंग होती है या नहीं।” जिस पर अंसारी को घेरते और उन्हें पक्षपाती कहते हुए अमन चोपड़ा कहते हैं, “इस मामले में तो वह कई हिंदुओं को भी गिना सकते है जिनकी लिंचिंग पश्चिम बंगाल और केरल में हुई है।”
चोपड़ा ने दोहराया कि लिंचिंग का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है और यह कानून व्यवस्था का मुद्दा है। अंसारी ने बदतमीजी से चीख-चीख कर अनजाने में यह घोषणा कर दी कि लिंचिंग वास्तव में धार्मिक रूप से प्रेरित है। जब चोपड़ा ने कहा, “लिंचिंग धर्म देखकर थोड़ी न होता है।” जिस पर चिढ़ कर पूर्व-वीपी कहते है, “तो क्या देखकर होता हैं।” और यह भी कहा कि जब से हिंदू राष्ट्रवादी बीजेपी ने भारत में सत्ता हासिल की है, देश के अल्पसंख्यकों की लिंचिंग बढ़ गई है।
वहीं न्यूज़ एंकर ने हामिद अंसारी को यह कहते हुए नसीहत दी कि भारत ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, उन्होंने 10 साल तक दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति का पद संभाला, लेकिन फिर भी आपने देश के उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के आखरी दिन लोगों को यह कहते हुए भ्रामित किया कि देश में मुसलमानों में असुरक्षा और बेचैनी की भावना है।
हामिद अंसारी को देश ने सब दिया और उन्होंने….
— Aman Chopra (@AmanChopra_) January 30, 2021
हामिद अंसारी के साथ मेरा पहला और संभवतः
आखिरी इंटरव्यू 5.55 PM
क्योंकि पुस्तक का प्रचार करने नहीं सवाल पूछने गया था। @ZeeNews @sudhirchaudhary @ParitoshChoubey @shaileshraanjan pic.twitter.com/4nffaGo6St
अमन चोपड़ा के तेज तर्रार सवालों ने हामिद अंसारी को वास्तव में उनकी किताब के प्रोमोशन की जगह किसी और दिशा में भटका दिया और वह अपने द्वारा ही दिए बयानों पर स्पष्टीकरण नहीं दे पाएँ। साथ ही उन्हें उनके किताब के लिए देने वाले भाषण से भी वंचित कर दिया।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं था जब हामिद अंसारी ने मुसलमानों को उकसाते हुए कहा हो कि देश में मुस्लिम खतरे में हैं। उन्होंने पहले भी कहा है कि मोदी के शासन में भारत में इस्लाम और मुसलमान दोनों परेशान है। इसके अलावा उन्होंने इस्लामिक शरिया अदालतों के पक्ष में जाने के लिए अक्सर अपनी इस्लामी प्रवृत्तियों का प्रदर्शन किया है। इससे पहले पूर्व वीपी ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के चित्र के विरोध के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का समर्थन किया था।
हामिद अंसारी के पूरे इंटरव्यू को यहाँ देखें।