Sunday, April 28, 2024
Homeदेश-समाज'हर परिवार से 1 आदमी किसान आंदोलन में चलो' - पंजाब की पंचायतों का...

‘हर परिवार से 1 आदमी किसान आंदोलन में चलो’ – पंजाब की पंचायतों का तुगलकी फरमान, नहीं तो ₹2100 जुर्माना

पंचायत ने फरमान सुनाया है कि अगर आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो 2100 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। ऐसे फरमान पंचायतों के आधिकारिक लेटर हेड पर जारी किए जा रहे हैं।

दिल्ली और आस-पास के कई राज्यों में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के रविवार (जनवरी 31, 2021) को 4 महीने पूरे हो गए हैं। इसके बावजूद इसमें और ईंधन झोंकने की कवायद जारी है। पंजाब में अब पंचायतों ने फरमान जारी करना शुरू कर दिया है। कई पंचायतें अपने-अपने गाँव के प्रत्येक परिवारों को कम से कम एक सदस्य आंदोलन में दिल्ली भेजने का फरमान सुना रही है। पंजाब में ऐसी कई पंचायतें हैं।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि ऐसे फरमान पंचायतों के आधिकारिक लेटर हेड पर जारी किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिस परिवार का कोई सदस्य दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ में नहीं गया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा। इससे पहले किसान एक्टिविस्ट्स को टास्क सौंपा गया था कि वो भीड़ जुटाएँ और लोगों को दिल्ली लेकर जाएँ। पंजाब में अक्टूबर 1, 2020 को ऐसे प्रदर्शन शुरू हुए थे।

तब रेलवे ट्रैक्टर्स, टोल प्लाजा और मॉल्स जैसे कारोबारी स्थलों को निशाना बनाया गया था। कुछ भाजपा नेताओं और कारोबारियों के आवासों तक को भी नहीं बख्शा गया था। अब स्थिति ये है कि पूरे पंजाब में लगभग 80 ऐसे स्थल हैं, जहाँ आंदोलन चल रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर तो ये जारी है ही। मालवा में 5 पंचायतों ने ऐसा फरमान जारी किया। प्रस्ताव पारित कर के सभी परिवारों को आदेश सुनाया गया।

भठिंडा जिले के करारवाला गाँव के सरपंच अवतार सिंह ने कहा कि पूरे गाँव ने आश्वासन दिया है कि वो इस अभियान में उनका समर्थन करेंगे। पंचायत ने यहाँ फरमान सुनाया है कि अगर आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो 2100 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। फरीदकोट के कोटकपूरा स्थित सिवियन गाँव के सरपंच करनैल सिंह ने कहा कि जिस परिवार का व्यक्ति दिल्ली आंदोलन में नहीं जाएगा, उसे 500 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा।

बरनाला जिले के ठीकरीवाल गाँव में भी ऐसा प्रस्ताव पारित किया गया। ये गाँव स्वतंत्रता सेनानी सेवा सिंह ठीकरीवाल के लिए जाना जाता है। इस पंचायत ने भी निर्णय लिया है कि गाँव से 25 लोगों का जत्था नियमित रूप से दिल्ली जाता रहेगा। मनसा के बुढलाडा स्थित बारे गाँव और भठिंडा के नाथेला गाँव ने भी इसी तरह का निर्णय लिया। दिल्ली में प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसे ही तरीके आजमाए जा रहे हैं।

हिंसा के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आई थी। जिसमें तथाकथित किसानों की एक ट्रॉली विदेशी दारू और उसके साथ खाने-पीने के अन्य समानों से भरी देखी गई थी। वहीं जब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर ही लाठी और पत्थरों से हमला बोल दिया। किसान को कहते हुए सुना जा सकता है, “हम तो आ गए थे घूमने। मज़ा आ रहा है पूरा। यहीं खाना, यहीं पीना, यहीं रहना है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘हम तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण के लिए काम करते हैं’: गोवा में बोले PM मोदी – ये 2 विचारधाराओं के बीच का चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मोदी कभी चैन से नहीं बैठता है, मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी दिन-रात आपके सपनों को जीता है। आपके सपने ही मोदी के संकल्प हैं। इसलिए मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम।

बेटा सनातन को मिटाने की बात करता है, माँ जाती है मंदिर: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पत्नी दुर्गा स्टालिन ने की श्री...

दुर्गा स्टालिन ने केरल में भगवान गुरुवायुरप्पन के दर्शन कर उन्हें 32 सिक्कों के वजन वाली टोपी अर्पित की थी, तो अब वो आँध्र प्रदेश के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर पहुँची हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe