उत्तर प्रदेश के झाँसी में 19 मार्च 2021 को दो ननों समेत 4 महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने 19 मार्च को इन ननों पर धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी।
शुक्रवार को सर्कल ऑफिसर नीम खान मंसूरी ने बताया, “गुरुवार की रात, स्टेशन पर गश्त के दौरान, जीआरपी एसएचओ सुनील कुमार सिंह को सूचना मिली कि बुकिंग हॉल के पास दो व्यक्ति पुलिसकर्मियों के साथ बहस कर रहे हैं। वह आंदोलन शुरू करने की धमकी देते हुए दावा कर रहे थे कि पुलिस ने मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और ननों को जाने दिया।”
उन्होंने बताया कि इससे पहले मामले में दोनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। लेकिन इस घटना के बाद पुलिस ने ननों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में अंचल अरजरिया (Anchal Arjaria) और पुरुकेश अमारया (Purukes Amraya) को गिरफ्तार किया। बाद में पुलिस ने अजय शंकर तिवारी, जिन्होंने इस पूरे केस में सबसे पहले शिकायत की थी, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।
द न्यूज मिनट के अनुसार, तीनों को पुलिस ने लोकल मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। मामले के प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने कहा कि बजरंग दल द्वारा दायर की गई शिकायत का कोई आधार नहीं था, इसलिए चारों महिलाओं को अगली ट्रेन से ओडिशा भेज दिया गया।
इस बीच साइरो मालाबार चर्च ने बयान जारी कर इसे सुनियोजित हमला बताया। वहीं केरल सीएम पिनरई विजयन ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को खत लिख कर मामले में कार्रवाई की माँग की, जिस पर अमित शाह ने उन्हें जाँच का आश्वासन दिया।
अमित शाह ने कहा, “ननों के समूह के साथ हुई कथित बदसलूकी के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं केरल के लोगों को यह आश्वासन देना चाहूँगा कि इस मामले के दोषियों को यथाशीघ्र न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा।”
बता दें कि 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के झाँसी में उत्कल एक्सप्रेस के कोच B-2 से यात्रा कर रहीं दो नन और दो ‘पोस्टुलेंट’ को रेलवे पुलिस ने ट्रेन से उतार कर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि दो महिलाओं को कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया जा रहा है और इसके बाद इन नन को हिरासत में लिया गया।