Friday, May 3, 2024
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TMC के 2 मंत्री और 1 विधायक को CBI ने किया गिरफ्तार: पीछे-पीछे पहुँचीं बंगाल की CM ममता बनर्जी भी

TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। वहीं भाजपा नेता शमीक भट्टाचार्जी ने कहा कि इस मामले का उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने नारदा स्टिंग मामले में आरोपित नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जाँच एजेंसी सोमवार (मई 17, 2021) को पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं फिरहाद हाकिम, सुब्रत चटर्जी और मदन मित्रा के अलावा कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर लेकर आई।

फिरहाद और सुब्रत बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री हैं। वहीं मदन मित्रा TMC विधायक हैं। इन नेताओं को सीबीआई दफ्तर ले जाने की खबर आने के बाद ममता बनर्जी भी जाँच एजेंसी के दफ्तर पहुँच गईं। समाचार एजेंसी ANI द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि वे सुरक्षा कर्मियों व कई नेताओं के साथ CBI दफ्तर पहुँचीं।

मुख्य सूचना आयुक्त आरसी जोशी ने बताया है कि सीबीआई ने इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 16 अप्रैल 2017 को मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। ये सभी उस समय बंगाल सरकार में मंत्री थे।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति CBI को पहले ही दे दी थी। फिरहाद हाकिम TMC के बड़े नामों में से एक हैं और जब CBI उन्हें अपनी गाड़ी से लेकर जा रही थी, तभी बाहर भारी भीड़ जुट गई और लोगों ने उनके पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। समर्थकों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की भी की।

सोवन चटर्जी तृणमूल कॉन्ग्रेस से ही कोलकाता के मेयर रहे थे, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें उनके इलाके से टिकट नहीं दिया, जिसके बाद वो भाजपा से भी अलग हो गए। नारदा स्टिंग टेप मामले में आरोपित ये चारों नेता घोटाले के समय मंत्री थे, इसीलिए उनके खिलाफ अभियोजन के लिए राज्यपाल की अनुमति ली गई। ये टेप 2014 में बनाए गए थे।

हालाँकि, 2016 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ये सार्वजनिक रूप से सबके सामने आए थे। इसके वीडियो फुटेज के आधार पर दावा किया गया था कि इन चारों मंत्रियों के घूस में मोटी रकम ली थी। आरोप है कि एक फर्जी कंपनी को फायदा पहुँचाने के लिए उसके प्रतिनिधियों से TMC नेताओं ने घूस लिया। वहीं राज्यपाल द्वारा कार्रवाई की अनुमति दिए जाने के बाद फिरहाद हाकिम ने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा था कि वो व्यक्तिगत रूप से इससे चिंतित नहीं हैं।

उन्होंने खुद को क्लीन चिट मिलने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा बिना ज़रूरत के उनके करियर और छवि को धूमिल करने में लगी हुई है। कोलकाता के निज़ाम पैलेस स्थित CBI दफ्तर में इन चारों से पूछताछ की जा रही है। मदन मित्रा नॉर्थ 24 परगना के कमरहटी से विधायक बने हैं। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। वहीं भाजपा नेता शमीक भट्टाचार्जी ने कहा कि इस मामले का उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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