Friday, November 15, 2024
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शिवसेना संग सरकार, मौलवी से गठबंधन… मुझसे विचारधारा पर सवाल करने वाले इन समीकरणों को समझाएँ: जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद ने अपनी पुरानी पार्टी को सलाह देते हुए कहा कि सिर्फ उन्हें गाली देने से कॉन्ग्रेस में जान नहीं आने वाली। आरोप लगाया कि असम, बंगाल, महाराष्ट्र में गठबंधन कर कॉन्ग्रेस अपनी मूल विचारधारा से भटक रही थी।

कॉन्ग्रेस पार्टी में दो दशक से अधिक समय तक सक्रिय राजनीति करने वाले जितिन प्रसाद ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सियासी संभावनाओं की तमाम चर्चाओं के बीच जितिन ने बुधवार (9 जून 2021) को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उन्होंने किन कारणों के चलते कॉन्ग्रेस का हाथ छोड़ा। साथ ही यह भी बताया है हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में ​जितिन प्रसाद ने कहा, ”कॉन्ग्रेस पार्टी को छोड़ने का फैसला अचानक नहीं लिया गया है। मैंने एक लंबे समय तक विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया है। यह किसी पद की लालसा के लिए नहीं है। यह उस पद के बारे में भी नहीं है, जो मुझे कॉन्ग्रेस में मिला या नहीं मिला। साथ ही यह उन पदों को लेकर भी नहीं है, जो मुझे भाजपा में मिलेंगे या नहीं मिलेंगे।”

…7 साल पहले ही कॉन्ग्रेस छोड़ चुका होता

उन्होंने कहा, “अगर मुझे अवसरवादी बनना होता, जैसा कि कुछ लोग कह रहे हैं, तो मैं सात साल पहले ही कॉन्ग्रेस को छोड़ चुका होता। मुझे चुनाव में दो-तीन बार हार का सामना नहीं करना पड़ता। मैं लोगों का मिजाज जानता था। मैंने इन वर्षों में पार्टी के साथ संघर्ष करने की भी पूरी कोशिश की और उम्मीद की कि हम वापसी करेंगे और एक बदलाव आएगा। लेकिन मुझे एक बार फिर एहसास हुआ कि पार्टी में कोई भी प्रयास, एक तय दिशा और बेहतर रणनीति में नहीं है। कॉन्ग्रेस फिर से खड़े होने में सक्षम नहीं है खासकर यूपी में, यही वजह है कि मुझे यह निर्णय लेना पड़ा।”

राष्ट्रीय हित PM मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित

विपरीत विचारधारा की पार्टी में चले जाने वाले सवाल पर जितिन प्रसाद ने कहा, “लोगों को यह कहने का अधिकार है कि वे क्या महसूस करते हैं। यह सार्वजनिक जीवन का हिस्सा है, लेकिन आज के नए भारत में राष्ट्रीय हित ही विचारधारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नि:स्वार्थ भाव से देश की सेवा कर रहे हैं। इससे बेहतर कोई विचारधारा नहीं हो सकती। मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश और विदेश में भारत के राष्ट्रीय हित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेतृत्व में मजबूती से सुरक्षित है, जो आज एक वास्तविक राष्ट्रीय पार्टी है और एक संस्थागत पैटर्न पर काम करती है।”

कॉन्ग्रेस आज शिवसेना के साथ सरकार में

विचारधारा और पार्टी के सवाल पर बोलते हुए जितिन प्रसाद ने कहा कि सामान्य तौर पर आज भारत में अधिकांश पार्टियाँ व्यक्तियों की आवश्यकता और शौक के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग उनकी विचारधारा पर सवाल उठाते हैं, उन्हें पहले उस विचारधारा को देखना चाहिए, जहाँ कॉन्ग्रेस पार्टी आज शिवसेना के साथ सरकार में है।

संदिग्ध मौलवी के साथ कॉन्ग्रेस का गठबंधन

जितिन प्रसाद ने आगे कहा कि जो लोग उनके BJP में आने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें उस विचारधारा के बारे में भी बात करनी चाहिए, जहाँ एक तरफ केरल में वामपंथी दलों के विरोध में वही पार्टी होती है, जो ठीक उसी समय बंगाल में वामपंथियों के साथ गठबंधन में होती है। लोगों को उस विचारधारा के बारे में बात करनी होगी, जहाँ एक संदिग्ध साख वाले मौलवी के साथ गठबंधन किया जाता है और असम में भी ऐसा ही होता है। स्पष्ट है कि जितिन प्रसाद फुरफुरा शरीफ दरगाह के मौलाना अब्बास सिद्दीकी और मौलाना बदरुद्दीन अजमल की बात कर रहे थे।

जितिन प्रसाद ने अपनी पुरानी पार्टी को सलाह देते हुए कहा कि सिर्फ उन्हें गाली देने से कॉन्ग्रेस में जान नहीं आने वाली। उनके अनुसार जो कोई भी उनके वैचारिक परिवर्तन पर सवाल उठा रहा है, लिख रहा है, बात कर रहा है और ज्ञान दे रहा है, उन्हें पहले आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और जवाब देना चाहिए कि वे तब कहाँ थे और क्या कर रहे थे, जब कॉन्ग्रेस पार्टी अपनी मूल विचारधारा से भटक रही थी।

बीजेपी को लेकर पिछले साल तक अलग राय रखने के सवाल पर जितिन प्रसाद ने बताया कि विपक्षी नेता के रूप में सरकार और सत्तापक्ष पर सवाल उठाने ही होते हैं। विपक्ष में बैठे हर व्यक्ति की भूमिका यही होनी भी चाहिए। हालाँकि अपनी बात रखते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि देश और उसकी सीमाओं की सुरक्षा सबसे सुरक्षित व्यक्ति के हाथों में हैं, जिसकी कमान प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के पास है।

बता दें कि पूर्व सांसद जितिन प्रसाद का भाजपा में जाना कॉन्ग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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