अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद से भारत सरकार वहॉं से लोगों को लगातार एयरलिफ्ट कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार (24 अगस्त 2021) को काबुल से 78 लोग भारत लाए गए थे। इनमें से 16 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
संक्रमितों में वे तीन ग्रंथी भी हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब को अपने सिर पर रखकर लाए थे। इनके संपर्क में एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी आए थे। रिपोर्टों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव पाए गए सभी लोग बिना लक्षणों वाले मरीज है। सबको क्वारंटाइन कर दिया गया है।
युद्ध से तबाह अफगानिस्तान से भारत अपने नागरिकों को निकालने के लिए रोजाना विशेष उड़ानें चला रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 23 अगस्त को जारी एक दिशा-निर्देश के अनुसार अफगानिस्तान से भारत आने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रुप से क्वारंटाइन रहना होगा। इसके तहत सभी लोगों को नजफगढ़ स्थित छावला शिविर में 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा। बता दें कि अफगानिस्तान में फँसे लोगों को निकालने के लिए भारत ऑपरेशन ‘देवी शक्ति’ चला रहा है। काबुल से अब तक 800 लोगों को निकाला जा चुका है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देश में कोरोना की तीसरी लहर के आने को लेकर एक रिपोर्ट के जरिए चेतावनी भी जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर से अक्टूबर के बीच किसी भी समय देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने महामारी की मैथमैटिकल कैलकुलेशन (फॉर्मूला मॉडल) के आधार पर कहा है कि नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी।
हालाँकि, ऐसा तभी होगा जब कोरोना का डेल्टा वेरिएंट म्यूटेट कर कोई और रूप धारण करता है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर के आने का अंदेशा बहुत ही कम है। अगर वायरस का कोई नया वेरिएंट आता है तभी तीसरी लहर आएगी, लेकिन कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एहतियात जरूरी है।