केरल के त्रिशूर जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक कार्यकर्ता की चाकू से गोदकर हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। मृतक की पहचान 35 वर्षीय कोप्पारा बीजू के रूप में हुई है। चावक्कड़ पुलिस के मुताबिक, करीब दो महीने पहले ही बीजू मध्य-पूर्व से लौटा था और मनाथला नागायक्षी मंदिर के पास पालतू कबूतर बेचने का काम करता था।
रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार की सुबह बीजू की अस्थायी दुकान के पास सजीवन नाम के व्यक्ति का लोगों के एक गिरोह से झगड़ा हो गया था। आशंका जताई जा रही है कि इसी गिरोह ने बीजू को सजीवन समझकर चाकू मार दिया। पुलिस ने कहा कि जाँच के लिए वह एरिया की सीसीटीवी फुटेज निकालेगी। वहीं, चावक्कड़ में पुलिस की एक टुकड़ी कैंप कर रही है। भाजपा ने बीजू की मौत के विरोध में सोमवार को चावक्कड़ नगरपालिका और कडप्पुरम पंचायत में हड़ताल का आह्वान किया था।
ऑर्गनाइजर ने बताया है कि कट्टर इस्लामी संगठन पीएफआई और उसके राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं ने 31 अक्टूबर को त्रिशूर जिले के मणथला के चावक्कड़ में बीजू की हत्या की थी। जिस इलाके में इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया, वहाँ किसी भी तरह का राजनैतिक या धार्मिक तनाव नहीं था। ऐसे में इस घटना को इस्लामी ताकतों द्वारा साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
मृतक बीजू की मौत चाकू लगने से हुई थी और वह चावक्कड़ इलाके के बीजेपी बूथ अध्यक्ष का बेटा है। वह पहले खाड़ी देश में काम करता था और पाँच महीने पहले ही लौटा था। कुछ रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि हमलावर CPIM छोड़कर हाल ही में SDPI में शामिल हुए थे।
इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) पर मुकदमा चलाने की अपनी सरकार की बात दोहराई। मीडिया से बात करते हुए सीएम सरमा ने कहा, “हम PFI और CFI पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। असम पुलिस ने हिंसक एंटी-सीएए विरोध से लेकर गोरुखुटी बेदखली हिंसा तक कई मामलों की जाँच की है और दोनों संगठनों के लिंक पाए हैं। हमने अपना डोजियर केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दिया है और उम्मीद है कि मंत्रालय जल्द ही कोई फैसला लेगा।”