केरल की ‘ललित कला एकेडमी’ ने एक ऐसे कार्टून को पुरस्कृत किया है, जिसमें न सिर्फ हिन्दू धर्म, बल्कि देश के साथ-साथ गायों का भी मजाक उड़ाया गया है। इस कार्टून में दिखाया गया है कि ‘कोविड-19 वैश्विक सम्मेलन’ चल रहा है और इसमें इंग्लैंड, चीन और अमेरिका के प्रतिनिध बैठे हुए हैं। उसके बीच में ‘भारत के प्रतिनिधि’ के रूप में एक गाय को दिखाया गया है। साथ ही गाय को भगवा वस्त्र भी पहनाए गए हैं। दिखाया गया है कि अन्य देश वाले भारत की तरफ अचरज से देख रहे हैं।
‘कोविड19 इन इंडिया’ नाम के ये करतूत वैश्विक मंच पर भारत और हिन्दुओं की छवि को खराब करने की कोशिश करता है। केरल के पोन्नुरुन्नि के रहने वाले अनूप राधाकृष्णन नाम के कलाकार ने इस कार्टून को बनाया है। जबकि सच्चाई ये है कि कोरोना आपदा के दौरान केरल का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा और वहाँ अब भी कोरोना के रोज कई मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन, वहाँ भारत का मजाक उड़ाने वाले कार्टूनों को पुरस्कार दिया जा रहा है, सम्मानित किया जा रहा है।
केरल की प्रदेश भाजपा ने भी इस फैसले का विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे कुछ लोग जानबूझ कर देश व धर्म को बदनाम कर रहे हैं। ‘2019-20’ की कार्टून प्रतियोगिता में ये पुरस्कार दिया गया है। भारत ने कोरोना पर सटीक रणनीति बना कर महामारी को काबू में किया, इसकी प्रशंसा की जगह इसकी बुराई की गई है। ये सब तब हो रहा है, जब भारत में 112 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।
के सुरेंद्रन ने कहा, “सत्ता में बैठे लोगों को इस तरह के अन्याय पर रोक लगानी चाहिए, अन्यथा लोगों को ये कार्य अपने हाथ में लेना पड़ेगा। जो इस देश से प्यार करते हैं, वो इसका विरोध करने से पहले तनिक भी नहीं सोचेंगे।” एकेडमी के अध्यक्ष नेमोन पुष्पराज ने सफाई दी है कि पुरस्कार के लिए इन कार्टून्स को प्रतिष्ठित कार्टूनिस्टों की जूरी चुनती है। उन्होंने कहा कि तीन कार्टून्स को पुरस्कार के लिए इसी जूरी ने चुना, इसमें एकेडमी का कोई रोल नहीं। वलापद में रहने वाले दीनराज को ‘एयर इंडिया’ में डिसइनवेस्टमेंट पर बने कार्टून ‘राजा और महाराजा’ के लिए सम्मानित किया गया।
बता दें कि साढ़े 3 करोड़ की जनसंख्या वाले केरल में कोरोना के अब तक 50 लाख से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इस मामले में ये महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है। साथ ही राज्य में इस संक्रमण के कारण लगभग 36 हजार लोगों को जान गँवानी पड़ी है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु ही इस मामले में केरल से आगे हैं। फ़िलहाल कोरोना के 69,258 मामले यहाँ अब भी सक्रिय हैं। देश के किसी अन्य राज्य में इसका एक चौथाई सक्रिय मरीज भी नहीं हैं।