Monday, May 20, 2024
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10 साल की सज़ा, ₹5 लाख का जुर्माना: धर्मांतरण विरोधी विधेयक से भड़के कॉन्ग्रेस नेता ने फाड़ी बिल की कॉपी, बताया संविधान के खिलाफ

डीके शिवकुमार का कहना है कि कॉन्ग्रेस पहले से ही नहीं चाहती थी कि इस बिल को पेश किया जाए। उन्होंने स्पीकर पर सरकार के साथ मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम इसका विरोध करेंगे।

कर्नाटक (Karnataka) में लंबे समय से सत्तारूढ़ भाजपा धर्मान्तरण विरोधी कानून (Anti-conversion bill) लाने की बात कर रही थी। इसी क्रम में मंगलवार (21 दिसंबर, 2021) को बासवराज बोम्मई सरकार (Basavraj Bommai Government) ने धर्मान्तरण विरोधी विधेयक-2021 को विधानसभा (Assembly) के पटल पर चर्चा के लिए रखा। लेकिन बिल के पेश होते ही विपक्षी कॉन्ग्रेस (Congress) ने जमकर हंगामा किया। वहीं कर्नाटक कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने विधेयक की कॉपी को फाड़कर इसका विरोध किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध धर्मान्तरण को रोकने वाले विधेयक को राज्य के गृह मंत्री आरागा ज्ञानेंद्र (Araga Gyanendra) ने विधानसभा में पेश किया। अब इस विधेयक पर बुधवार (22 दिसंबर 2021) को चर्चा होगी। लेकिन कॉन्ग्रेस के रवैये से ये तो साफ हो गया है कि इस पर काफी हंगामा होने वाला है। सोमवार को ही सीएम बासवराज बोम्मई की कैबिनेट ने शीतकालीन सत्र में धर्मान्तरण विरोधी विधेयक को पेश करने का फैसला किया था।

वहीं सदन के अंदर बिल को फाड़ने के मामले में डीके शिवकुमार (DK Shiv Kumar) ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है इसीलिए इस फाड़ दिया। शिवकुमार का कहना है कि कॉन्ग्रेस पहले से ही नहीं चाहती थी कि इस बिल को पेश किया जाए। उन्होंने स्पीकर पर सरकार के साथ मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम इसका विरोध करेंगे।

क्या कहता है विधेयक

बोम्मई सरकार द्वारा लाए जा रहे विधेयक का नाम ‘कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2021’ है। अगर सरकार इस विधेयक को पारित कराने में सफल रहती है तो अवैध धर्मान्तरण के आरोपितों को 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा पाँच लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। ऐसा नहीं है कि राज्य में धर्मान्तरण का कानून नहीं है। पुराने कानून के तहत तीन साल की सजा और 50,000 रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में गरीबों को बहला-फुसलाकर ईसाई मिशनरी उनका धर्मान्तरण करवा रहे हैं। इस मामले में हाल ही में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई कह चुके हैं, “प्रदेश के निर्दोष लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्हें पैसे और वित्तीय सहायता का प्रलोभन दिया ​जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन केवल लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं है, इस मानसिकता को बदलना होगा। यह शुरू में लुभाता है, लेकिन आखिर में समाज को प्रभावित करेगा। हमारी सरकार, हमारा देश ऐसा नहीं होने देगा। हमारे समाज में गरीबी को भुनाने की कोशिश हो रही है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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