ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के महल में क्रिसमस के बाद एक अजीब घटना घटी। बताया जा रहा है कि वहाँ एक युवक को महारानी के महल ‘विंडसर कैसल’ में हथियार लेकर घुसते देखा गया। बाद में इस युवक की गिरफ्तारी तो हो गई लेकिन इसके पास से मिले हथियार ने सबको सकते में ला दिया।
दरअसल, छानबीन के दौरान एक वीडियो सामने आई जिसमें एक युवक भी आड़ी कमान लेकर महारानी को अमृतसर नरसंहार (जलियाँवाला बाग नरसंहार) के लिए मारने की धमकी दे रहा है। इस वीडियो में युवक ने हाथ में हथियार पकड़ा है और अपनी आवाज एडिट करके महारानी को धमकी दी है। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि धमकी देने वाला शख्स और महल में घुसते वक्त पकड़ा गया युवक दोनों एक ही है।
संदिग्ध युवक साउथएंप्टन से है। वहीं वीडियो में दिखे युवक की पहचान जसवंत सिंह चैल बताई जा रही है। जसवंत ने क्रिसमस के बाद स्नैपचैट पर सुबह के समय 8:06 पर एक वीडियो अपलोड की। इसमें उसने कहा था, “मुझे दुख है, जो मैंने किया उसके लिए और मैं करूँगा उसके लिए। मैं शाही परिवार की महारानी एलिजाबेथ की हत्या का प्रयास करूँगा। यह उन लोगों का बदला है जो 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड में मारे गए हैं।”
वीडियो में आगे उसने कहा, “यह उन लोगों का भी बदला है जो नस्लीय रूप से भेदभाव का शिकार हुए। मैं एक भारतीय सिख हूँ। मेरा नाम जसवंत सिंह चैल था, अब मेरा नाम डार्थ जोन्स है।”
जानकारी के मुताबिक, इस वीडियो में खुद को डॉर्थ जोन्स बताने वाले युवक ने अजीब सी हुडी और मुखौटा पहना हुआ है और साथ ही साथ वह अपनी पहचान भी बता रहा है। हालाँकि जो व्यक्ति रानी के महल में सुरक्षा उल्लंघन करता पाया गया उसका नाम पुलिस ने नहीं बताया है। अनुमान यही लगाए जा रहे हैं कि सीसीटीवी में दिखा व्यक्ति और वीडियो में नजर आया शख्स एक ही है क्योंकि उसके पास से भी आरी-कमान ही मिला है। फिलहाल युवक को मेंटल हेल्थ एक्ट के तहत धारा लगाकर गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि वीडियो में दिखे युवक ने जिस नरसंहार का बदला महारानी से लेने को कहा है, वो नरसंहार 1919 में हुआ जलियाँवाला बाग नरसंहार है। इसमें ब्रिटिश सेना ने 13 अप्रैल 1919 को सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलवाई थी, जिसमें 379 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और 1200 के करीब घायल हुए थे। संयोग की बात है कि कल जब युवक को महारानी के महल से पकड़ा गया उस दिन उन क्रांतिकारी ऊधम सिंह की भी जयंती है जिन्होंने इस नरसंहार का बदला लेने के लिए विदेश में अंग्रेजी अधिकारी को मौत के घाट उतारा था।