Saturday, November 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'संवैधानिक शासन में इस्लाम को कहाँ रखना है, तय करना होगा': पाकिस्तान के जस्टिस...

‘संवैधानिक शासन में इस्लाम को कहाँ रखना है, तय करना होगा’: पाकिस्तान के जस्टिस ने कहा- दीन के प्रति वफादारी सबसे बड़ी बाधा

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बाधा विकास की थी, क्योंकि समाज की निष्ठा मुल्क की तुलना में अपने कबीले या जनजाति के प्रति थी। इसी तरह की प्रवृत्ति विधिज्ञ वर्ग सहित विभिन्न संस्थानों में भी बढ़ रही है। 

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि देश के विकास में दीन के प्रति वफादारी सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि देश में संवैधानिक व्यवस्था को ढंग से लागू करने और शासन को सुचारू रूप से चलाने के बजाय इस्लाम को ज्यादा जगह देने और उसे स्थापित करने की कोशिश की गई।

इसके अलावा, न्यायमूर्ति आसिफ सइद खोसा ने कहा कि मुल्क को तय करना होगा कि इस्लामी शासन में सरकार की क्या भूमिका थी और वर्तमान संवैधानिक व्यवस्था और शासन में इस्लाम को कहाँ रखना है। उन्होंने कहा कि मुल्क में सामने आने वाले मुद्दों की पहचान नहीं की गई तो मुल्क में असुरक्षा बनी रहेगी। पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ के अनुसार, उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बाधा विकास की थी, क्योंकि समाज की निष्ठा मुल्क की तुलना में अपने कबीले या जनजाति के प्रति थी। इसी तरह की प्रवृत्ति विधिज्ञ वर्ग सहित विभिन्न संस्थानों में भी बढ़ रही है। 

जस्टिस अहमद ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था और शासन के प्रतिमान के रूप में इस्लाम को स्थापित किए जाने के प्रयासों के कारण अदालत में छोटे-छोटे मुद्दों याचिकाओं की भरमार होती जा रही है, लेकिन नागरिक अधिकारों को लागू करने की क्षमता नहीं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब स्थितियों के कारण मुल्क में गरीब और असहाय लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और उन्हें कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुल्क में स्थिति ये हो गई है कि सड़कों की सफाई, कूड़ा उठाने जैसी-जैसी छोटी बातों के लिए अदालत पहुँचा जा रहा है, जबकि ये सरकार के बुनियादी कार्य हैं। किसी भी सरकार की ये पहली प्राथमिकता होती है, लेकिन इमरान खान की सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

मुख्य न्यायाधीश गुलजार ने कहा कि मुल्क में संविधान को सार्वजनिक जीवन के सभी पहलुओं पर लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से आसपास की स्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करने का काम दिया गया है कि संविधान को सही मायने में लागू किया गया है नहीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम लड़की और हिन्दू लड़के ने की मंदिर में शादी, अब्बू ने ‘दामाद’ पर ही करवा दी रेप की FIR: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने...

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक हिन्दू युवक को मुस्लिम लड़की से शादी करने के आधार पर जमानत दे दी। लड़के पर इसी लड़की के अपहरण और रेप का मामला दर्ज है।

कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने दिखानी चाही PM और गौतम अडानी की तस्वीर, दिखा दी अडानी और रॉबर्ट वाड्रा की फोटो: पैनलिस्ट ने कहा, ये ‘जीजा...

शो में शामिल OnlyFact India के संस्थापक विजय पटेल ने मजाक में कहा, "यह फोटो मोदी जी के साथ नहीं, जीजा जी (राहुल गाँधी के बहनोई) के साथ है।"
- विज्ञापन -