Sunday, September 8, 2024
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बुर्के के लिए हिंसा: कर्नाटक में 3 दिन के लिए बंद किए गए सभी हाई स्कूल और कॉलेज, CM बोम्मई ने कहा – शांति बनाए रखें

"मैं सभी स्कूल-कॉलेजों के छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन के साथ-साथ कर्नाटक की जनता से आग्रह करता हूँ कि राज्य में शांति और सामंजस्य बनाए रखें।"

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में बुर्के में एंट्री दिए जाने के समर्थन में चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सभी कॉलेजों और हाई स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया है। सीएम बोम्मई ने कहा, “मैं सभी स्कूल-कॉलेजों के छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन के साथ-साथ कर्नाटक की जनता से आग्रह करता हूँ कि राज्य में शांति और सामंजस्य बनाए रखें। मैंने अगले 3 दिनों के लिए सभी कॉलेजों और हाई स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है।”

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि इस मामले के सभी हितधारकों से उम्मीद की जाती है कि वो सहयोग करेंगे। बता दें कि कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में बुर्के में एंट्री लेने के लिए मुस्लिम छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जो अब हिंसा में बदल गया है। अब मुस्लिम छात्र भी सड़क पर उतर आए हैं। हिंसा हो रही है। इसके विरोध में जो हिन्दू छात्र-छात्राएँ भगवा शॉल या स्कार्फ़ में आ रहे हैं तो उनका विरोध किया जा रहा है। विपक्षी दल और मीडिया का गिरोह विशेष भी प्रोपगैंडा फैलाने में लगा है।

शिमोगा में कॉलेज पर पत्थरबाजी

शिमोगा में हिजाब के समर्थन में मुस्लिम छात्रों ने कॉलेज पर पत्थरबाजी की। इसके बाद वहाँ धारा-144 लगा दी गई है। पत्थरबाजी के वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने कहा कि संविधान की बात करने वालों ने एक बार फिर से पत्थर उठा लिए। बता दें कि वहाँ मुस्लिम और हिन्दू छात्रों के बीच झड़प के वीडियोज भी सामने आए हैं। कर्नाटक के कई इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहन कर आने के विरोध में भगवा शॉल के साथ प्रदर्शन करने के लिए निकले हिन्दू छात्रों के साथ बदतमीजी भी की गई और उन्हें धमकाया गया।

पुलिस के बीच-बचाव से मामला शांत हुआ। साथ ही शिवमोगा में भगवा ध्वज फहराने के वीडियोज भी सामने आए हैं। स्कूल में बड़ी संख्या में दोनों समुदायों के छात्र-छात्राएँ मौजूद हैं। उच्च-न्यायालय में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है। सभी की नजरें वहाँ टिकी हुई हैं। उधर उडुपी के महात्मा गाँधी मेमोरियल कालेज में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। हिजाब पहनकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं के जवाब में भगवा गमछा में छात्रों ने प्रदर्शन किया। कुछ छात्राएँ महात्मा गाँधी मेमोरियल कॉलेज परिसर में हिजाब विवाद को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। तभी वहाँ छात्रों का एक समूह पहुँच गया।

भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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