Sunday, April 28, 2024
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कॉन्ग्रेस में उठा-पठक जारी, अब सिंधिया और देवड़ा ने दिया इस्तीफ़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मिलिंद देवड़ा मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। दोनों की गिनती राहुल गाँधी के करीबियों में होती है।

लोकसभा चुनाव में क़रारी हार के बाद से ही कॉन्ग्रेसी खेमे में उठा-पठक जारी है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के इस्तीफ़े के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा ने भी अपना पद छोड़ दिया है। सिंधिया पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और देवड़ा मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। दोनों की गिनती राहुल गाँधी के करीबियों में होती है।

सिंधिया ने ट्वीट कर कहा है, “जनादेश स्वीकार करते हुए और जवाबदेही लेते हुए कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के पद से मैंने अपना इस्तीफा राहुल गाँधी को सौंप दिया है। पार्टी की सेवा का मौका देने के लिया मैं उनका आभारी हूँ।” मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राहुल ने सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव में वे अपनी गुना सीट भी नहीं बचा पाए। उन्हें बीजेपी के केपी यादव ने 1,25,549 मतों से हराया था।  

इसी तरह, देवड़ा ने भी लोकसभा चुनाव में क़रारी हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए रविवार (7 जुलाई) को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने कहा कि वो पार्टी को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाना चाहते हैं। देवड़ा ने इस साल के आख़िर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की एक अस्थाई समिति गठित करने का सुझाव दिया है।

ख़बर के अनुसार, देवड़ा ने कहा है, “मैंने पार्टी को एकजुट करने के लिए एमआरसीसी की अध्यक्षता करना स्वीकार किया था। मैंने राहुल गाँधी से मिलने के बाद महसूस किया कि मुझे इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।” इसके अलावा देवड़ा के कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि राज्य में बीजेपी-शिवसेना का मुक़ाबला करना कॉन्ग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है। पार्टी को वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रभाव को भी स्वीकार करना होगा।

मुरली देवड़ा पहली बार 27 साल की उम्र में सांसद बने थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के जयवंतीबेन मेहता को 10,000 वोटों से हराया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में देवड़ा को फिर से मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया। साल 2011 में उन्हें केन्द्र में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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