Monday, November 25, 2024
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‘कह रहे TMC नेता के गुंडे – जमानत पर बाहर आकर मार डालेंगे’: जिसकी माँ को ज़िंदा जलाया, उस महिला को मिल रही धमकी

बीरभूम के रामपुरहाट गाँव के लोगों में डर का माहौल साफ देखने को मिल रहा है। इसी डर के बीच बड़ी संख्या में लोगों का पलायन भी हुआ है।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम (Birbhum Violence) जिले में हुई हिंसा में 8 लोगों को जिंदा जलाए जाने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद भले ही केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने जाँच शुरू कर दी है, लेकिन इस बीच जलाए गए परिवार की महिला माफिजा ने TMC के नेता रहे भादु शेख पर के लोगों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रामपुरहाट की माफिजा बीबी की अम्मी भी आग में जलकर मर गई थीं। अब माफिजा बीबी का आरोप है कि टीएमसी के नेता भादु शेख के गुंडे उन्हें हत्या की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “वे कह रहे हैं कि जब उनके लोग जमानत पर बाहर आएँगे, तो वे हमें मार डालेंगे। यह बात उन्होंने मुझसे खुलकर कही। मैंने पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि वे आएँगे।”

‘न्यूज 18’ को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि पश्चिम बंगाल पुलिस लोगों में व्याप्त डर को कम करने के लिए महिलाओं को सुरक्षा देगी। गाँव के लोगों में डर का माहौल साफ देखने को मिल रहा है। इसी डर के बीच बड़ी संख्या में लोगों का पलायन भी हुआ है। इन लोगों का कहना है, “अगर वहाँ पर पुलिस के अस्थाई तौर पर तैनात होने के बाद भी हमें धमकियाँ मिल रही हैं, तो ये हमें गाँव वापस लौटने का विश्वास नहीं दिलाती है।”

बहरहाल शनिवार (26 मार्च, 2022) सीबीआई के 30 अधिकारियों की टीम ने एसआईटी से मामले की जाँच अपने हाथ में ले ली है। जाँच एजेंसी रामपुरहाट पहुँच चुकी है और अब टीएमसी नेता अनिरुल हुसैन को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके साथ ही सीबीआई की टीम पुलिस हिरासत में बंद 22 आरोपियों की हिरासत की माँग करेगी।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस के एक पंचायत अधिकारी की हत्या के कथित तौर पर विरोध स्वरूप बोगतुई गाँव में करीब एक दर्जन झोपड़ियों में आग लगा दी गई थी। इसमें दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की मौत हो गई। इसी मामले में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई या एनआईए से जाँच की माँग की गई थी। अदालत ने इस मामले का संज्ञान लिया था। गुरुवार (24 मार्च 2022) को कोर्ट ने इस केस में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इससे पहले तक ममता सरकार पश्चिम बंगाल पुलिस से ही मामले की जाँच करने देने की माँग की थी, जिसके कोर्ट ने ठुकरा दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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