Sunday, November 24, 2024
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‘हिंदू औरतों के फाड़े कपड़े, तलवार लेकर किया हमला’: बरेली पुलिस ने रफीक-कासिम को दबोचा, छत पर चढ़ कर करते थे अश्लील हरकत

इस मामले में पीड़ित ने थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर 9 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इस दौरान दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य लोगों की तलाश जारी है।

उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly, Uttar Pradesh) जिले के एक मुस्लिम बहुल गाँव में महिलाओं को अश्लील इशारे करने का विरोध करने पर एक हिंदू परिवार के घर में घुस कर उस पर हमला किया गया है। इस दौरान महिलाओं से छेड़खानी करने और उनके कपड़े फाड़ने की भी बात कही जा रही है। साथ ही हिंदू परिवार को बस्ती छोड़कर जाने की धमकी भी दी गई। शिकायत के बाद इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पुलिस ने बस्ती छोड़ने की धमकी की बात का खंडन किया है।

बरेली के थाना बहेड़ी अंतर्गत आने वाला जाम सावंत जनूबी गाँव मुस्लिम बहुल आबादी वाला है। यहीं पर पीड़ित का परिवार भी रहता है। पीड़ित परिवार के मुखिया का आरोप है कि उसका पड़ोसी रफीक और उसके बेटे- राशिद, आसिफ, आरिफ और जाहिद अपनी छत पर चढ़कर उसके घर की महिलाओं को अश्लील इशारे करते हैं। 28 मार्च 2022 की रात करीब 10 बजे इन लोगों के साथ 10-12 अज्ञात युवक भी छत पर थे और उसके घर की महिलाओं को देखकर वे लोग अश्लील हरकतें कर रहे थे। जब उसने विरोध किया गया तो उन लोगों ने उसके घर पर पथराव कर दिया और तलवार लेकर परिवार पर हमला कर दिया।

पीड़ित का आरोप आरोप है कि इस दौरान आरोपितों ने उसके भाई का सिर फोड़ दिया और घर की महिलाओं एवं लड़कियों को दबोच कर उनके साथ अश्लील हरकत की। आरोपितों ने महिलाओं के कपड़े भी फाड़ दिए। पीड़ित का यह भी कहना है कि आरोपितों ने धमकी दी कि वे हिंदुओं को अब बस्ती में रहने नहीं देंगे।

इस मामले में पीड़ित ने थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर 9 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इस दौरान दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य लोगों की तलाश जारी है। घटना की सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया।

इस मामले में पुलिस ने बयान जारी कर आरोपितों द्वारा बस्ती में नहीं रहने देने की धमकी का खंडन किया। पुलिस ने मामले को दो पड़ोसियों के बीच आपसी विवाद के बाद हुई मारपीट की घटना बताया और कहा कि आरोपितों द्वारा गाँव छोड़कर जाने की धमकी की पुष्टि विवेचना के दौरान नहीं हुई।

ट्विटर पर दैनिक जागरण की खबर का खंडन करते हुए बरेली पुलिस ने कहा, “‘हिंदुओं को बस्ती छोड़ने के लिए दी धमकी’ के संबंध में विवेचना के मध्य साक्ष्य संकलन से कोई पुष्टिकारक या सुसंगत साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही इस प्रकार का कोई तथ्य प्रकाश में आया है।” बरेली पुलिस ने कहा कि विवेचना के दौरान तथ्यों की पुष्टि नहीं होने से पुलिस इस खबर का खंडन करती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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