उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य लगातार जारी है। उम्मीद है कि इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से 4 महीने पहले ही दिसंबर 2023 में तैयार कर लिया जाएगा। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या पहुँचे। इस दौरान वो राम मंदिर का निर्माण कार्य देखकर भावुक हो उठे। उन्होंने नींव में लगाए जाने वाले पत्थर को प्रणाम कर उस पर ‘श्रीराम’ लिखा और उस पर स्टाम्प लगा दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या पहुँचे सीएम योगी हनुमानगढ़ी गए और मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चुनाव के पहले जो भी विकास योजनाएँ बनाई गई थी, उन्हें शुरू कर समय पर खत्म किया जाए। अगर डीपीआर नहीं बनीं है तो उसे तुरंत बनाया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बड़ा कदम उठाते हुए राम नगरी अयोध्या के मठ, मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों से वसूले जाने वाले टैक्स पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। मंदिरों का टैक्स लाखों में आ रहा था, जिसको लेकर कई बार धर्माचार्यों ने सीएम से इसको लेकर शिकायत की थी।
मंदिर की नीव तैयार
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, राम मंदिर की नींव तैयार हो चुकी है। दो महीने में राफ्ट पर अधिष्ठान का कम करने के बाद मंदिर के खंभों और पत्थरों की जुड़ाई जून से शुरू हो जाएगी। अनुष्ठान के बाद रामलला को अस्थायी मंदिर से गर्भगृह में विराजित किया जाएगा। इसके मुख्य यजमान पीएम मोदी होंगे।
मंदिर की 50 नींवों के ऊपर 21 फीट के चबूतरे का पहला लेयर तैयार है। अभी सात लेयर और लगेंगी। हर दिन यहाँ 80 से 100 पत्थरों को लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण 70 एकड़ में किया जा रहा है, जिसमें से तीन एकड़ में तो मंदिर और उसका कॉरिडोर बस है। इसके अलावा 67 एकड़ में म्यूजियम, सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश जी का मंदिर होगा।
21 फीट ऊँची सीढ़ियों के बाद होगा दर्शन
मंदिर बनने के बाद भगवान राम के दर्शन करने के लिए भक्तों को 21 फीट ऊँची सीढ़ी चढ़नी होगी, जिसके बाद उन्हें गर्भगृह के दर्शन होंगे। मंदिर को बनाने में एलएनडटी और टीसीई के इंजीनियर दिन रात लगे हुए हैं।