Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजसुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाई, नहीं दर्ज हो सकेगी कोई...

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाई, नहीं दर्ज हो सकेगी कोई नई FIR: सिब्बल ने पेश की थी दलीलें

सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये भी बताया कि पुलिस अधिकारी राजद्रोह के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने के समर्थन में पर्याप्त कारण भी बताएँगे। उन्होंने कहा कि कानून पर पुनर्विचार तक वैकल्पिक उपाय संभव है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजद्रोह कानून (Sediton Law) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि पुनर्विचार तक राजद्रोह कानून यानी 124ए के तहत कोई नया मामला दर्ज न किया जाए। केंद्र इस बाबत राज्यों को गाइडलाइन जारी करेगा। कोर्ट ने कहा है कि जो लंबित मामले हैं उनपर यथास्थिति रखी जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मुकदमे चल रहे हैं और वो इसी आरोप में जेल में बंद हैं वो जमानत के लिए समुचित अदालतों में जमानत अर्जी दाखिल कर सकते हैं। मामले में अब जुलाई में सुनवाई होगी।

बता दें कि राजद्रोह कानून (Sediton Law) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के मामले पर बुधवार (11 मई 2022) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि हमने राज्य सरकारों को जारी किए जाने वाले निर्देश का ड्राफ्ट तैयार किया है। उसके मुताबिक राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश होगा कि बिना जिला पुलिस प्रमुख यानी एसपी या उनसे ऊँचे स्तर के अधिकारी की मंजूरी के राजद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। इस दलील के साथ सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि फिलहाल इस कानून पर रोक न लगाई जाए।

सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये भी बताया कि पुलिस अधिकारी राजद्रोह के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने के समर्थन में पर्याप्त कारण भी बताएँगे। उन्होंने कहा कि कानून पर पुनर्विचार तक वैकल्पिक उपाय संभव है।

आँकड़ों की बात पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये तो जमानती धारा है, अब सभी लंबित मामले की गंभीरता का विश्लेषण या आकलन कर पाना तो मुश्किल है। लिहाजा ऐसे में कोर्ट अपराध की परिभाषा पर रोक कैसे लगा सकती है? यह उचित नहीं होगा। जबकि याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से माँग रखी थी कि राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -