कॉन्ग्रेस पार्टी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी घृणा में संस्कृत भाषा और हिन्दू धर्म को लेकर अश्लीलता फैलाने में लग गई है। पीएम मोदी ने दिल्ली में ‘ऑल इंडिया डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटीज’ की पहली बैठक को दिल्ली में शनिवार (30 जुलाई, 2022) को सम्बोधित किया, जिसमें उन्होंने एक संस्कृत श्लोक पढ़ा। बस फिर क्या था, कॉन्ग्रेस ने इस श्लोक के एक शब्द को पकड़ कर अश्लील बताना शुरू कर दिया।
अब कॉन्ग्रेस के इस कृत्य में वामपंथी और लिबरल गिरोह साथ न दे, ऐसा हो ही नहीं सकता है। हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर ‘अश्लील नरेंद्र’ ट्रेंड कराया जाने लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस श्लोक के जरिए न्यायपालिका का महत्व को समझा रहे थे, लेकिन विरोधियों को इन सबसे कोई मतलब नहीं। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में भारतीय इतिहास में क्या कहा गया है। कॉन्ग्रेस नेता गौरव पांधी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “सॉरी, क्या कहा?”
आइए, हम आपको बताते हैं कि वो श्लोक कौन सा है। पीएम मोदी ने जिस संस्कृत श्लोक का जिक्र किया, वो है – “अंगेना गात्रम नयनेन वक्रतम न्यानेन राज्यम लवनेन भोज्यम। धर्मेना हीनं खालू जीवितं चा न राजते चंद्रमासा बिना निशा।।” इस श्लोक का अर्थ है कि बिना किसी अंग के मानव शरीर, आँखों के बिना चेहरा, एक प्रभावी और शक्तिशाली न्यायपालिका के बिना एक राष्ट्र, बिना नमक के पका हुआ भोजन, धर्म के बिना मानव जीवन और धर्म का पालन करना, वास्तव में आकाश में चंद्रमा एक अंधेरी रात की तरह अलंकृत या दैदीप्यमान नहीं कहा जाता है।
Sorry, say what? 🤔 pic.twitter.com/ILNcnniq3T
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) July 31, 2022
इस श्लोक में जिक्र है कि न्यायपालिका के बिना देश को प्रकाश विहीन समझा जाए, यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझाना चाह रहे थे। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। अब भारत के अलग-अलग हिस्सों के लोगों के उच्चारण अलग-अलग हैं, क्योंकि यहाँ कुछ ही किलोमीटर पर बोली और भाषाएँ बदल जाती हैं। इसी ही मुद्दा बना कर कॉन्ग्रेस हंगामा कर रही है।
Congress has Stooped so Low that Now to target Modi, They are openly targeting Hinduism.
— The Analyzer (@Indian_Analyzer) August 1, 2022
Truth behind the video which led to this Trend-#अश्लील_Narendra pic.twitter.com/i6T5EdWgGK
हालाँकि, इस दौरान कई लोगों ने जवाहर लाल नेहरू की तस्वीरें शेयर कर के कॉन्ग्रेस को बताया कि असली अश्लील कौन है। कुछ ने दिग्विजय सिंह की तस्वीरें भी डालीं। शशि थरूर के भी जिक्र आए। लोगों का कहना है कि संस्कृत को बदनाम कर के कॉन्ग्रेस पार्टी ने हिन्दू धर्म के प्रति अपनी घृणा दिखाई है, पीएम मोदी के विरोध के चक्कर में। कॉन्ग्रेस का हिन्दू विरोध का इतिहास पुराना रहा है। ये कोई पहली बार पार्टी के नेता इस तरह की हरकत नहीं कर रहे हैं।