भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी के ऊपर न्यूयॉर्क में हुए जानलेवा हमले के बाद खबर है कि अस्पताल में धीरे-धीरे अब रुश्दी की तबीयत सुधर रही है। उनके एजेंट एंड्रयू विली के हवाले से बताया गया है कि रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और वह बातचीत कर पा रहे हैं।
रुश्दी की तबीयत में सुधार के अलावा मीडिया में इस हमले की अन्य डिटेल्स भी सामने आई हैं। मौके पर मौजूद चश्मदीद डॉ मार्टिन हैस्केल से पता चला है कि इवेंट में रुश्दी की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इसके बावजूद हमलावर रुश्दी को मंच पर चढ़कर 12-15 दफा चाकू घोंपने में सफल हो गया।
फेक आईडी के साथ घुसा, 12-15 बार किया हमला
चश्मदीदों के मुताबकि, हादी मतार नाम का 24 वर्षीय हमलावर खुद अकेले रुश्दी की हत्या को अंजाम देने आया था। इसके लिए उसने 3 दिन पहले से इवेंट वाली जगह की छानबीन शुरू कर दी थी। इसके बाद ही वह इवेंट में फेक आईडी के साथ घुसा।
🔴 Hadi Matar, 24, who stabbed Salman Rushdie had fake driver’s license in name of HEZBOLLAH commander and praised Iran’s Revolutionary Guard on social media https://t.co/cSHKfqv023
— Amaury Brelet (@AmauryBrelet) August 13, 2022
इवेंट में जैसे ही रुश्दी का इंट्रोडक्शन दिया गया और वह बोलने आगे बढ़े। हादी मतार सामने से स्टेज पर आया और रुश्दी के पेट व गले पर 12-15 बार हमला किया। इसके बाद रुश्दी वहीं स्टेज पर गिर गए जबकि हादी को गिरफ्तार कर लिया गया।
फोन से मिली ईरानी कमांडर की तस्वीर
पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि न्यू जर्सी निवासी हादी अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड के प्रति सहानुभूति जताता था। इसके अलावा उसके फोन से उन्हें कमांडर कासिम सुलेमानी की तस्वीर मिली है। कासिम को 2020 में मारा गया था।
पुलिस का कहना है कि उन्हें हमले की ठीक वजह तो नहीं पता चल पाई है। लेकिन ये पता चला है कि मतार अकेल काम कर रहा था। उसने खुद ही इवेंट वाली जगह की छानबीन की थी और खुद हत्या के प्लॉन को बनाया था।
हमला पूर्व नियोजित था
बता दें कि हादी की गिरफ्तारी के बाद उसको कोर्ट में पेश किया गया था। वहाँ जिला अटॉर्नी जेशन स्मिथ ने पाया मतार ने जानूबूझकर रुश्दी को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की और फर्जी आईडी के साथ कार्यक्रम में घुसा। उन्होंने माना कि ये हमला पूर्वनियोजित थी और इसमें रुश्दी को निशाना बनाया गया था। कोर्ट की सुनवाई के बाद आरोपित को चौटौक्वा काउंटी जेल ले जाया गया।
सलमान रुश्दी को 33 साल से मिल रही थी धमकियाँ
उल्लेखनीय है कि द सैटेनिक वर्सेज नामक किताब लिखने के बाद सलमान खुर्शीद को इस्लामी कट्टरपंथियों से जान से मारने की धमकियाँ आती थीं। ये किताब भारत में भी बैन थी। इसके अलावा इरान में और पाकिस्तान जैसी जगहों पर उनके विरुद्ध फतवे निकाले गए थे। हालाँकि वेस्ट में शिफ्ट हो जाने के बाद वह इतने वर्ष सुरक्षित रहे। मगर शुक्रवार को ऐसा नहीं हो पाया