Tuesday, November 26, 2024
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BJP हार रही गुजरात, यह दिखाने के लिए AAP के ओपिनियन पोल में एक-एक ने डाले 100-100 वोट: पकड़ी गई हेराफेरी तो नेताओं ने डिलीट किए पोस्ट

सर्वे के नतीजों को देखकर प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि नवसारी विधानसभा सीट पर स्विंग आम आदमी पार्टी के पक्ष में है और अगर आज चुनाव होता है तो आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार भारी बहुमत से जीतेगा। दरअसल, इस सीट पर भाजपा साल 1990 से लगातार जीत रही है और हर बार कॉन्ग्रेस दूसरे स्थान पर रहती है।

जैसे-जैसे गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) नजदीक आ रहे हैं, प्रायोजित और फर्जी सर्वेक्षणों (Survey) की बाढ़ आती जा रही है। अब सोशल मीडिया पर एक एप्लिकेशन भी आई है, जिसके जरिए कोई भी पोल कर सकता है और लोगों का वोट हासिल कर सकता है।

जमीनी तौर पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस तरह के सर्वेक्षण के जरिए चर्चा में बने रहने की कोशिश की है। हालाँकि, AAP की इस प्रथा का पर्दाफाश होने के बाद नेताओं द्वारा साझा किए गए पोस्ट को हटाना पड़ा।

हालाँकि आम आदमी पार्टी ने कई विधानसभा क्षेत्रों में इस तरह के सर्वेक्षण किए थे, लेकिन गुजरात के नवसारी विधानसभा सीट में आखिरकार यह बेनकाब हो गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा साझा किए गए पोस्ट को हटाना पड़ा।

नवसारी शहर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा StawPoll नाम के ऐप पर एक पोल बनाया गया था और इसका लिंक भी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया था। इस सर्वे की थीम था कि अगर नवसारी विधानसभा सीट पर चुनाव हो तो किस उम्मीदवार को कितने वोट मिलेंगे?

इस ओपिनियन पोल के वायरल स्क्रीनशॉट के मुताबिक, कुल 638 वोट पड़े। इनमें से 562 वोट आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को, 66 वोट कॉन्ग्रेस को और 10 वोट बीजेपी उम्मीदवार को मिले। इस वोट शेयर का प्रतिशत क्रमश: 88.09%, 10.34% और 1.57% है।

नवसारी में AAP के सर्वेक्षण का खुलासा

सर्वे के नतीजों को देखकर प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि नवसारी विधानसभा सीट पर स्विंग आम आदमी पार्टी के पक्ष में है और अगर आज चुनाव होता है तो आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार भारी बहुमत से जीतेगा। बात दें कि भाजपा साल 1990 से लगातार नवसारी सीट पर जीत रही है और हर बार कॉन्ग्रेस दूसरे स्थान पर रहती है।

वर्तमान में इस सीट से पीयूषभाई दिनकरभाई देसाई विधायक हैं। साल 2017 में उनका दूसरा कार्यकाल था। इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतिम गैर-भाजपा विधायक ने साल 1985 में चुनाव जीता था। इस तरह सर्वेक्षण में इस सीट पर वोट की वरीयता में भारी बदलाव दिखाया गया।

हालाँकि, जल्द ही AAP के सर्वेक्षण पर सवाल उठने लगे और इसके पीछे की सच्चाई सामने आ गई। यह पाया गया कि कई लोगों ने AAP को बार-बार वोट दिया था, जिससे पार्टी के लिए वोटों की संख्या में बढ़ोतरी दिखी। जब इस पोल के तहत वोट करने वालों की संख्या देखी गई तो पता चला कि एक या दो नाम ऐसे थे, जिन्होंने एक ही समय में आप को कई बार वोट दिया था। इससे आम आदमी पार्टी का प्रतिशत अपने आप बढ़ गया।

दरअसल, इस ऐप पर पोल बनाते समय यह विकल्प दिया जाता है कि वोट देने वाले लोगों की जानकारी सार्वजनिक की जाए या नहीं। साथ ही, एक सेटिंग भी है, जहाँ कोई व्यक्ति केवल एक बार ही वोट कर सकता है। हालाँकि, इस पोल को बनाते समय दोनों विकल्पों को नहीं चुना गया था।

ऊपर लगे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि कुछ वोटों के बाद भाविन और सावला नाम से बड़ी संख्या में वोट डाले गए। इन दोनों नाम वालों ने 100-100 से अधिक वोट दिए। इसको लेकर जब कुछ यूजर ने सवाल पूछने शुरू कर दिए, तब इस पोस्ट को शेयर करने वाले AAP नेता ने इसे हटा लिया।

इसके अलावा AAP ने एक ही ऐप पर कई सर्वे भी किए। इन सर्वेक्षणों के परिणाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा किए जा रहे हैं और इन सर्वेक्षणों को ‘गुजरात का सबसे बड़ा सर्वेक्षण’ बताया गया। इसके जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई कि गुजरात में आम आदमी पार्टी सरकार बनाएगी।

चुनाव से पहले इस तरह के सर्वे आम आदमी पार्टी के लिए नए नहीं हैं। काफी समय से सक्रिय पार्टी ने इस तरह के कई सर्वे किए। आगामी चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ऐसे प्रायोजित सर्वे के नतीजों को साझा कर अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश कर रही है।

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Meghalsinh Parmar
Meghalsinh Parmar
A Journalist. Deputy Editor- OpIndia Gujarati. Not an author but love to write.

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