मध्य प्रदेश के उज्जैन में रहने वाले 13 साल के बच्चे ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे सड़कों, चौराहों या भीड़ वाले इलाकों पर होने वाली आतंकी घटनाएँ, दंगा, अपराध और एक्सीडेंट की जानकारी सीधे कमांड सेंटर या पुलिस के पास पहुँचेगी। इस मॉडल को तैयार करने वाले बच्चे का नाम राजवीर चौहान है। वह कक्षा 8वीं का छात्र है।
राजवीर ने यह मॉडल आर्टिफिशियल इंटिलिजेंट्स के आधार पर बनाया है। इस बेहतरीन इनोवेशन के लिए देश के 50 बच्चों में उज्जैन के राजवीर को भी शामिल किया गया है। साथ ही केन्द्र सरकार राजवीर को सम्मानित भी करेगी। राजवीर अपने माता-पिता के साथ फिलहाल दिल्ली में ही हैं। वह सरकार द्वारा मिलने वाले सम्मान के लिए ही दिल्ली आया हुआ है।
दरअसल, डिजिटल इंडिया के अंतर्गत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने युवा इनोवेटर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में देशभर के 200 छात्रों का सलेक्शन हुआ था। ट्रेनिंग के बाद 50 बच्चों को उनके आइडिया पर काम करने के लिए मेंटर दिए गए थे।
अपने इस मॉडल को लेकर राजवीर चौहान का कहना है कि उन्होंने अटैक डिटेक्टर मॉडल तैयार किया है। यह मॉडल पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत काम करेगा। इसके लिए शहर के प्रत्येक चौराहे पर लगे कैमरों को सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा।
इन कैमरों में जैसे ही आतंकी घटना में गन या कोई अन्य हथियार, खून या एक्सीडेंट या फिर महिला अपराध की घटना के संकेत मिलेंगे, सॉफ्टवेयर तुरंत ही उनकी पहचान कर सिग्नल या अलार्म भेजा देगा। यह अलार्म सीधा कमांड सेंटर या संबंधित पुलिस स्टेशन में बजेगा। जिसके बाद थाने से सुरक्षा बल और अस्पताल से एम्बुलेंस जल्द से जल्द भेजी जा सकेगी। इसको ना सिर्फ चौराहे पर बल्कि भीड़ भरे बाजारों, सड़कों, अस्पताल, कोर्ट, मंदिर, या कहीं भी लगाया जा सकेगा।
राजवीर का कहना है कि उन्होंने दो वर्ष पहले ‘रेड बटन’ के नाम से एक मॉडल बनाया था, जिसमें चौराहे पर होने वाली घटना को लेकर कोई भी व्यक्ति बटन दबाकर पैनिक स्थिति में कंट्रोल रूम को खबर कर सकता था। ऐसे ही मॉडल अभी उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत लगाये जा चुके हैं। हर चौराहे पर रेड बटन (इमरजेंसी बटन) को लगाया गया है। इस मॉडल के लिए राजवीर को 10 हजार का इनाम भी मिला था।