Sunday, September 8, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकराजनीति फ़ैक्ट चेकगुजरात के मंत्री के साथ PM मोदी, कॉन्ग्रेसियों ने 'मोरबी पुल का ठेकेदार' बता...

गुजरात के मंत्री के साथ PM मोदी, कॉन्ग्रेसियों ने ‘मोरबी पुल का ठेकेदार’ बता फैलाया झूठ: पोल खुलने के बाद भी डिलीट नहीं किए पोस्ट

कॉन्ग्रेस पार्टी और उनसे जुड़े लोगों ने जिस फोटो को शेयर कर झूठ फैलाया, उसमें PM मोदी के साथ दिख रहे शख्स गुजरात सरकार के मंत्री हैं। इनका नाम राघव जी पटेल है। वे गुजरात के कृषि और पशुपालन मंत्री हैं।

गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल की गई। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक व्यक्ति के कंधे पर हाथ रखे नजर आ रहे हैं और वह व्यक्ति हाथ जोड़े हुए खड़े हैं। कॉन्ग्रेस से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल्स से दावा किया गया कि पीएम के साथ दिख रहे शख्स ‘मोरबी पुल के ठेकेदार’ हैं। कई वेरिफाइड हैंडल ने भी इस दावे के साथ तस्वीर शेयर की।

इस फोटो को राजस्थान युवा कॉन्ग्रेस के हैंडल से सोमवार (31 अक्टूबर 2022) शाम 6:23 पर शेयर किया है। इस तस्वीर के ऊपर कैप्शन में ‘मोरबी ब्रिज के ठेकेदार’ लिखा है।

उड़ीसा युवा कॉन्ग्रेस के साथ उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस नेता सत्यनारायण पटेल ने भी इसी फोटो को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया।

चित्र साभार- deshgujarat.com

इस फोटो को शेयर करने वालों में कई अन्य लोगों के साथ कोलकाता के फारुख मोहम्मद भी शामिल हैं। उन्होंने भी अपने ट्विटर पर यही फोटो 31 अक्टूबर को ही शेयर की है।

तस्वीर में मोदी के साथ गुजरात सरकार के मंत्री

दरअसल कॉन्ग्रेस पार्टी और उनसे जुड़े लोगों ने जिस फोटो को शेयर कर झूठ फैलाया, उसमें PM मोदी के साथ दिख रहे शख्स गुजरात सरकार के मंत्री हैं। इनका नाम राघव जी पटेल है। वे गुजरात के कृषि और पशुपालन मंत्री हैं।

राघवजी पटेल के ऑफिस फेसबुक पेज से इस तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे का भी खंडन किया गया है। फेसबुक पेज पर ऐसे दावों के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा गया है कि अफवाह में शामिल न हों। इस तस्वीर को खुद राघव जी पटेल ने 4 सितम्बर 2022 को अपने फेसबुक पर पोस्ट किया था।

खंडन के बाद भी नहीं डिलीट किया पोस्ट

लेकिन कॉन्ग्रेस और उससे जुड़े लोगों की निर्लज्जता देखिए। झूठ पकड़े जाने के बाद भी इन हैंडल्स ने अपने पोस्ट डिलीट नहीं किए हैं। राजस्थान और उड़ीसा युवा कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर अभी भी झूठे दावों के साथ यह तस्वीर बनी हुई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -