Saturday, May 4, 2024
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AAP नहीं, AAAP कहिए जनाब: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में गायब नहीं हुए हैं आम आदमी पार्टी के नंबर, जानिए क्या है A का लोचा

“शॉर्ट फॉर्म में ट्रिपल A कोई चूक नहीं है। इसी शब्द का प्रयोग साल 2015 के चुनावों के वक्त किया गया था।”

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए वोटों की गिनती चल रही है। रूझान आने शुरू हो गए हैं। टीवी चैनल के पल पल बदलते नंबर के बीच लोग आधिकारिक नंबर जानने के लिए बीच बीच में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी हो आते हैं। आपने पाया होगा कि वहॉं बीजेपी, कॉन्ग्रेस सब है। लेकिन AAP नहीं दिखती, जबकि AAAP मौजूद है।

आप सोच रहे होंगे कि चुनाव के दौरान दिखी आम आदमी पार्टी यानी AAP के नंबर्स कहां गायब हो गए। तो इसका जवाब है कि AAP के नंबर कहीं गायब नहीं हुए हैं। दरअसल AAAP का नंबर ही आम आदमी पार्टी का नंबर है। वही पार्टी जिसका निशान झाड़ू है। जिसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं। जिसकी दिल्ली और पंजाब में सरकार है। जिसने 7 दिसंबर 2022 को दिल्ली नगर निगम के चुनावों में भी जीत हासिल की है।

AAP नहीं, AAAP कहिए जनाब

दरअसल नाम में अतिरिक्त A को लेकर कंफ्यूजन उस समय भी हुआ था, जब पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। यही 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भी देखने को मिला था। चुनाव आयोग ने उस समय इस कंफ्यूजन को दूर करने का काम किया था, क्योंकि निर्वाचन आयोग की साइट पर हमेशा से आम आदमी पार्टी के लिए AAP नहीं, AAAP प्रयोग होता आया है।

भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया था, “शॉर्ट फॉर्म में ट्रिपल A कोई चूक नहीं है। इसी शब्द का प्रयोग साल 2015 के चुनावों के वक्त किया गया था।” उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि आम आदमी पार्टी से पहले ही एक पार्टी ने इस नाम को अपने लिए पंजीकृत करवाया था, जबकि आम आदमी पार्टी का पंजीकरण 2013 में हुआ था। उस पार्टी का नाम बता दें आवामी आमजन पार्टी थी जो भारतीय निर्वाचन आयोग में 3 जनवरी 2011 को पंजीकृत हुई थी।

गौरतलब है कि सिर्फ मीडिया, सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी खुद भी दल की शॉर्ट फॉर्म aap ही लिखता आया है। चाहे उनके कार्यालय हों, प्रेस कॉन्फ्रेंस हो, मेनिफेस्टो हो। हर जगह आपको उनके चुनाव चिह्न झाड़ू के साथ aap लिखा दिखाई देगा। ये पार्टी साल 2012 में गठित हुई थी और 2013 में इसे निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत किया था। पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल हैं जो दिल्ली में सरकार बनाने के बाद अपनी पार्टी को पंजाब तक पहुँचा चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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