जिस ईसाई संगठन पर नाबालिगों के अवैध धर्मांतरण का आरोप है, उसके अध्यक्ष डॉ. विवर्त लाल को दैनिक भास्कर ने सम्मानित किया है। मीडिया संस्थान के इस कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। प्राइड ऑफ सेंट्रल इंडिया अवॉर्ड नामक यह आयोजन दैनिक भास्कर ने 1 दिसंबर 2022 को दिल्ली में किया था। मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी के अध्यक्ष लाल को ‘सामाजिक कार्यों’ के लिए यह सम्मान मिला है।
दैनिक भास्कर के ‘प्राइड ऑफ सेंट्रल इंडिया अवॉर्ड’ का यह दूसरा संस्करण था। लाल को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में नामित किए जाने के दो सप्ताह बाद सम्मानित किया गया है।
उल्लेखनीय है NCPCR के औचक निरीक्षण के बाद मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी पर अवैध धर्मांतरण का मामला दर्ज किया गया था। NCPCR के प्रमुख प्रियांक कानूनगो द्वारा उनके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराने के बाद प्राथमिकी में अध्यक्ष सहित ईसाई संगठन से जुड़े 10 लोगों को नामजद किया गया है।
NCPCR द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में 9 अन्य आरोपित सदस्यों के साथ नामजद डॉ. विवर्त लाल फिलहाल फरार हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर के कार्यक्रम में लाल के बदले उनके सहयोगी सलिल ने अवॉर्ड स्वीकार किया था।
लाल के खिलाफ मामला मध्य प्रदेश के दमोह जिले से सामने आने वाले कथित जबरन धर्मांतरण से संबंधित है। NCPCR के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने दमोह में मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी के दस सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कानूनगो ने शिकायत में कहा था कि मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी के बाल गृह में रहने वाले कई हिंदू नाबालिग छात्रों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया है और उन्हें जबरदस्ती पढ़ाई से दूर रखा जा रहा है। उन्हें भविष्य में पादरी बनने के लिए मिशनरी अधिकारियों द्वारा लालच दिया जा रहा है।
यह मामला तब सामने आया जब कानूनगो ने 13 नवंबर 2022 को मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी द्वारा संचालित बाल गृह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि संगठन के कामकाज में भारी अनियमितताएँ पाई गईं और आवश्यक दस्तावेज पेश करने में भी वे विफल रहे।
ऑपइंडिया के पास उपलब्ध एफआईआर की प्रति के अनुसार, “मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी में 91 बच्चे पंजीकृत थे, जिनमें से 45 उपस्थित थे। इनमें से अधिकांश बच्चे हिंदू हैं और कुछ मुसलमान हैं। लेकिन इन सभी को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। संगठन के पास अपने कामकाज के लिए उचित दस्तावेज भी नहीं थे।”
एनसीपीसीआर ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि छात्रावास के अधिकारियों द्वारा बच्चों और उनके माता-पिता के संबंध में कोई उचित दस्तावेज नहीं रखा जा रहा है। इसमें कहा गया है कि अनाथ बच्चों को संगठन के अध्यक्ष के नाम पर जबरदस्ती ‘लाल’ नाम दिया गया था। एनसीपीसीआर ने कहा था, “यह धर्मांतरण और मानव तस्करी का भी मामला बनता है।”
पुलिस ने तब किशोर न्याय अधिनियम की धारा 42 और 75 और मप्र धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3 और 5 के साथ-साथ 10 सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की धारा 370 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में नामित 10 सदस्यों की पहचान संगठन के अध्यक्ष डॉ. विवर्त लाल, सचिव आरडी लाल, शीला लाल, मंजुला वर्णवास, सनित लाल, जीके हेनरी, अर्नेस्ट, विवेक लाल, इंजिला लाल और डॉ अजय लाल के रूप में की गई है।
कथित तौर पर, मामले में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में बिशप डॉ. अजय लाल ने अग्रिम जमानत माँगी थी, जिसे दमोह कोर्ट ने 17 नवंबर 2022 को खारिज कर दिया। डॉ. विवर्त लाल अभी भी फरार हैं। जैसा कि हमने पहले बताया था, डॉ. अजय लाल को इस साल 15 अगस्त 2022 को उनकी ‘समाज सेवा’ गतिविधियों के लिए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के हाथों सम्मानित किया गया था। उन्हें वर्ष 2021 में कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य द्वारा पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
विशेष रूप से, जितेंद्र गौतम नाम के IBC24 के पत्रकार ने बिशप अजय लाल और दमोह कलेक्टर के बीच संबंधों को उजागर किया था। उसे कलेक्टर के पीआरओ वाई कुरैशी द्वारा धमकी भी दी गई थी।
For exposing Bishop Ajai Lall n @CollectorDamoh relations; IBC24 reporter Jitendra Gautam threatened by DC PRO Y Qureshi!
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) November 17, 2022
Woman Dalit complainant in fraudulent Christian conversion case threatened by Bishop’s goons but @SP_DAMOHMP refused to act; @drnarottammisra is HM or Bishop? pic.twitter.com/h2KgRfXSjR
मौजूदा मामले में, मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. विवर्त लाल को दिल्ली में दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित ‘प्राइड ऑफ सेंट्रल इंडिया, 2022’ नामक एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। उन्हें मध्य प्रदेश के दमोह क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय ‘समाज सेवा’ के लिए सम्मानित किया गया।
1 दिसंबर 2022 को आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश के 55 अन्य समाजसेवियों को भी केंद्रीय मंत्री सिंधिया के हाथों सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने कहा कि समारोह में पुरस्कार पाने वाले सभी लोग मध्य प्रदेश के ‘रत्न और नवरत्न’ हैं।