Monday, December 23, 2024
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ब्राजील में संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पर हमला, चुनावी हार के बाद भड़की हिंसा में 400 गिरफ्तार: PM मोदी ने की निंदा

ब्राजील में हुए उपद्रव में 3000 से ज्यादा लोगों के दंगे को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को लगभग 3 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद 400 से ज्यादा लोग पकड़े गए।

ब्राजील में रविवार (8 जनवरी 2023) को पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) के हजारों समर्थकों ने सड़कों पर दंगा मचाया। ये लोग नए राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) के विरोध में ऐसा कर रहे थे। खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों को निशाना बनाया। न संसद भवन छोड़ा गया और न सुप्रीम कोर्ट। हालात इतने बेकाबू हो गए कि ब्राजील की सरकारी इमारतें बचाने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने अब तक 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सुरक्षाकर्मियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट को खाली कराकर उसकी सुरक्षा बढ़ा दी है। ब्राजील के न्याय मंत्री रिकार्डो कपेली ने कहा कि सरकारी इमारतों को नुकसान पहुँचाने वाले सभी लोगों को सजा मिलेगी। उन्होंने बताया कि वह खुद सड़कों पर उतरकर हालात देख रहे हैं और सुरक्षाकर्मियों को कमांड दी जा रही है। कोई भी सजा दिए बिन नहीं छोड़ा जाएगा।

मंत्री पाउला पिमेंटा ने भी कुछ वीडियो शेयर करते हुए उनके कार्यालय में मचे उपद्रव को दिखाया। वीडियो में सारा फर्नीचर उथला-पुथला और मशीनें तोड़ी हुई दिख रही हैं। उन्होंने कहा है कि घटना में शामिल सभी लोगों को अपराधियों की तरह ही देखा जाना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन, फ्रांस राष्ट्रपति मैक्रो समेत विश्व के कई नेताओं ने घटना का विरोध किया। वहीं ब्राजील के नए राष्ट्रपति ने इसे फासीवादी हमला करार दिया। पीएम मोदी ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने लिखा, “ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूँ। लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।”

रविवार को हुए उपद्रव में 3000 से ज्यादा लोगों के दंगे को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को लगभग 3 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद 400 से ज्यादा लोग पकड़े गए। ये सब ब्राजील के नए राष्ट्रपति के खिलाफ थे।

बता दें कि ब्राजील में अक्टूबर में चुनाव हुए थे। चुनावों में बोल्सोनारो को हार मिली थी। वहीं सिल्वा की पार्टी जीती थी। ये बात बोलसोनारो के समर्थकों को नगवार गुजरी। इसी क्रम में वह ब्रासीलिया में घुस आए। हालाँकि इस दौरान राष्ट्रपति वहाँ पर मौजूद नहीं थे। कुछ वीडियोज सामने आई है जिसमें प्रदर्शनकारी डंडे लेकर तोड़फोड़ कर रहे हैं।

अपने समर्थकों की ऐसी हरकत देखने के बाद बोल्सोनारो ने भी घटना की निंदा की और लोकतंत्र का सम्मान करने को कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने काल में संविधान को इज्जत, कानून की पैरवी की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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