हिंदुओं की आस्था की रक्षा को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में 3000 से अधिक मंदिर बनवाने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि राज्य के प्रत्येक गाँव में मंदिर हो इस लक्ष्य से काम कर रही है। उपमुख्यमंत्री कोट्टु सत्यनारायण ने कहा है कि राज्य में पहले 1330 मंदिरों का निर्माण होना था। अब इसमें 1465 मंदिर और जोड़े जाएँगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (28 फरवरी 2023) को मीडिया से बातचीत करते हुए उप-मुख्यमंत्री कोट्टु सत्यनारायण ने कहा है कि सरकार ने हिंदू आस्था का बड़े पैमाने पर प्रचार करने के उद्देश्य से गरीब वर्ग के लोगों के इलाकों में मंदिर बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में पहले 1330 मंदिरों का निर्माण होना था। अब इसमें 1465 मंदिर और जोड़े गए हैं। यही नहीं, विधायकों के अनुरोध पर 200 अन्य मंदिर भी जोड़े जाएँगे।
सत्यनारायण ने यह भी कहा है कि इन हिंदू मंदिरों के निर्माण के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का श्री वाणी ट्रस्ट हर मंदिर को 10 लाख रुपए देगा। बंदोबस्ती विभाग द्वारा बनाए जा रहे 978 मंदिरों का निर्माण तेजी से हो रहा है। वहीं 25 मंदिरों के निर्माण का काम एक सहायक इंजीनियर को दिया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य सहायक इंजीनियरों को भी नियुक्त किया गया है। वहीं कुछ अन्य मंदिरों का निर्माण एनजीओ द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा है कि कुछ मंदिरों के पुनर्निर्माण और मंदिरों में अनुष्ठानों के लिए आवंटित किए गए 270 करोड़ रुपए में से 238 करोड़ रुपए जारी हो जा चुके हैं। इसी तरह, इस वित्तीय वर्ष में प्रति मंदिर 5000 रुपए की दर से अनुष्ठानों (धूप दीप नैवेद्यम) के लिए निर्धारित किए 28 करोड़ रुपए में से 15 करोड़ रुपए मंदिरों को दिए जा चुके हैं। धूप दीप नैवेद्यम योजना के अंतर्गत साल 2019 तक केवल 1561 मंदिर ही रजिस्टर्ड हुए थे। वहीं अब यह संख्या बढ़कर 5000 हो गई है।
बता दें कि आंध्र प्रदेश में कुल 26 जिले हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य सभी जिलों के प्रत्येक गाँव में मंदिर बनवाने का है। इसके लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के श्री वाणी ट्रस्ट द्वारा जो 10 लाख रुपए की राशि दी जानी है उसमें से 8 लाख रुपए मंदिर निर्माण में खर्च होगा। वहीं, शेष बची 2 लाख की राशि का उपयोग मूर्तियों के निर्माण या खरीदने में किया जाएगा।